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Showing posts from May, 2025

Funugreek Seeds

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* दानामेथी*  दानामेथी सब जगह आसानी मिलने वाली  हमारे स्वास्थ् मित्र है।  ये तीखा उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचकशक्ति बढ़ाने वाली हृदय के लिए हितकर व बलवर्धक है।  दाना मेथी  बुखार उलटी, खाँसी, बवासीर, कृमि व क्षय रोग को नष्ट करती है इसमें विटामिन के साथ प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं इस का  कड़वापन खाने का स्वाद बढ़ाता है, साथ ही यह भूख बढ़ाने में भी सहायक होता है। मेथी में कड़वापन     'ग्लाइकोसाइड' के कारण होता है।             दानामेथी  खाने से स्तनपान कराने वाली महिलाओं में  दूध की मात्रा में वृद्धि होती है। सुबह-शाम दो तीन ग्राम दानामेथी पानी में भिगोकर चबाकर खाने से शरीर के जोड़ में दर्द नहीं होता है  जोड़ मजबूत होते हैं। इससे गठिया और मांसपेशियों के दर्द में भी आराम आता है। वृद्धावस्था में अपानवायु के कारण होने वाले रोगों में आराम मिलता है।  दाना मेथी का लेप बालों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं, दानामेथी  के दानों को रात भर नारियल के गरम तेल में भिगो  रख कर...

Thyroid

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* थाइराइड* थाइराइड आजकल अधिकतर लोगों को हो गई है   जो शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण होती है। आयुर्वेद में इसका समाधान मौजूद  हैं  बील्व पत्र पेड़ की  पत्तियां 21 दिन तक सेवन करने से थाइराइड की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।  बेल (बिल्व वृक्ष)। बेल की पत्तियां आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और इम्यून मॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो थाइराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित करने में मदद करते हैं। ताजी, हरी और स्वस्थ पत्तियों चुने    पत्तियों को साफ पानी से धो लें  सुबह खाली पेट कुछ पत्तियां चबाकर खाएं।  आप चाहें तो इनका पेस्ट बनाकर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।  बिना रुके लगातार 21 दिन तक  खाने से थाइराइड ग्रंथि पर इसका सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेगा। बेल की पत्तियों में थाइराइड हार्मोन को नियमित करने वाले गुण होते हैं।  यह ग्रंथि के आकार को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं। इन पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ...

Gjycerine

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* ग्लिसरीन*       ग्लिसरीन एक प्रभावी मॉइस्चराइज़र है जो त्वचा की नमी बनाए रखता हैै। इससे निर्मित सौंदर्य उत्पाद त्वचा को कोमल, मुलायम और चमकदार बनाते है   कुछ ग्लिसरीन से निर्मित  सौंदर्य उत्पाद  ग्लिसरीन युक्त फेस वॉश  त्वचा को साफ करने और नमी बनाए रखने के लिए   उपयोगी है खास तौर से  शुष्क त्वचा के लिए विशेष लाभकारी,  ग्लिसरीन युक्त बॉडी लोशन शरीर की त्वचा को हाइड्रेट और मुलायम रखने के लिए।  उपयोगी लंबे समय तक त्वचा की नमी बनाए रखता है।  ग्लिसरीन क्रीम और मॉइस्चराइज़रचेहरे और हाथ-पैरों की त्वचा को मुलायम बनाने हेतु। उपयोगी झुर्रियों और रुखेपन को कम करता है। ग्लिसरीन साबुन  स्नान के लिए सौम्य साबुन संवेदनशील त्वचा वालों के लिए उत्तम त्वचा की नमी बनाए रखता है  ग्लिसरीन युक्त लिप बाम  होंठों को फटने से बचाती है और उन्हें मुलायम बनाए रखती है ग्लिसरीन बालों के लिए     हेयर सीरम, शैंपू आदि बालों में नमी और चमक बनाए रखते हैं ड्राय और डैमेज हेयर के लिए लाभदायक।  ग्लिसरीन + गुलाब जल: टोनर...

MUNG

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* मूंग* सभी दालें प्रोटीन से भरपूर होती हैं, लेकिन दालों में सबसे उत्तम, स्वास्थवर्द्धक तथा शक्तिवर्द्धक दाल मूंग की होती है।  मूंग की दाल सुपाच्य होती है। इसके अलावा मूंग की दाल में कार्बोहाइड्रेट, कई प्रकार के विटामिन, फॉस्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हें, जो  बीमारियों से लड़ने की  ताक़त रखते हैं। मूंग साबूत हो  धुली,हो दाल हो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अंकुरित होने से इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है। अंकुरित मूंग दाल में मैग्नीशियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है।  एक कटोरी पकी हुई मूंग की दाल में 100 से भी कम केलौरी होती है। रात के खाने में  एक कटोरी मूंग दाल खाने से भरपूर पोषण मिलता है और बढ़ा वजन घटता ह  मूंग दाल खाने से त्वचा कैंसर से सुरक्षा भी मिलती है।   मूंग की मदद से आसानी से *रक्तचाप* को नियंत्रित किया जा सकता है  साथ ही मूंग *कोलेस्ट्रॉ...

Almond Oil

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* बादाम तेल*  बादाम तेल से कब्ज दूर होती है और व शरीर को बलवान बनाता   सेहत के लिए आदर्श टॉनिक  है बादाम तेल का  यह पेट की तकलीफों को दूर करता है व  आंत की कैंसर में भी लाभदायक होता है।  बादाम तेल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है।    दिल की सेहत के लिए भी बादाम तेल अच्छा होता है। बादाम मस्तिष्क और स्नायु प्रणालियों को‌ पोषण देता है यह बौद्धिक ऊर्जा बढ़ाने वाला,  व आयु बढ़ाने वाला है मीठे बादाम तेल के सेवन से माँसपेशियों में दर्द जैसी तकलीफ से तत्काल आराम मिलता है। बादाम तेल का प्रयोग से त्वचा का रंग निखर कर बेजान त्वचा को रौनक प्रदान कर त्वचा की खोई नमी लौटाता है   शुद्ध बादाम तेल तनाव को दूर करता है।  दृष्टि पैनी करता है  और स्नायु के दर्द में  राहत दिलाता है  बादाम तेल विटामिन डी से भरपूर  होता है  बादाम तेल बच्चों की हड्डियों के लिए वरदान है  बादाम तेल बालों से रूसी दूर कर बालों की साज-सँभाल में भी करता   बादाम तेल में मौजूद विटामिन तथा खनिज पदार्थ बालों को चमकदार और...

NEEM

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* नीम*  नीमके पत्ते सेहत और सुंदरता के लिए वरदान है नीम को औषधि माना गया है। इसके पत्तों में मौजूद शक्तिशाली गुण शरीर और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। नीम का  उपयोग दोनों ही प्राकृतिक इलाज के रूप में पुरातन काल से अपनाया जा रहा है। नीम के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं।जो शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं, और शरीर  बीमारियों  से सुरक्षित रहता है। रोजाना सुबह खाली पेट नीम के कुछ पत्ते चबाएं।  नीम लीवर की कार्यक्षमता को सुधारने में सहायक होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।  यह शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करता है नीम के पत्तों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे फोड़े-फुंसी, एलर्जी और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर सीधे चेहरे या संक्रमित स्थान पर लगाएं। इसका नियमित उपयोग त्वचा को निखारता है और संक्रमण को दूर करता है नीम का पेस्ट हल्दी के साथ मिलाकर लगान...

Kaccha Aam

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* कैरी*कच्चा आम,* कच्चे आम को कैरी कहते हैं  ये खाने में खट्टा होता है।  कच्चा आम सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है तोजानते हैं कैसे कच्चे आम में कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद होते हैं. कच्चे आम खाने से पाचन बेहतर रहता है, इम्यूनिटी मज़बूत होती है, और गर्मी से जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है। कच्चे आम के  सेवन करने से एसिडिटी, गर्मी से राहत    मॉर्निंग सिकनेस, अपच और पेट की गर्मी से छुटकारा मिलती है।  उल्टियां को कंट्रोल करने में कच्चे आम का सेवन बेहद उपयोगी होता है।  कच्चे आम के गूदे में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव इफेक्ट होता है जो एसिडिटी,अपच और गैस से राहत दिलाता है।     कच्चे आम कैरी में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो खून को साफ करने में काफी मदद करते हैं। रक्त से संबंधी कैसी भी समस्या हो, इसके सेवन से दूर हो जाती है।     डायबिटीज में कच्ची कैरी एक दवा की तरह काम करती हैं। इसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में शुगर लेवल कम हो जाता है।  अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपके लिए कच्चे आम का सेवन लाभदायक हो सकता है....

Sugar

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* शुगर* शुगर की बिमारी आज कल 10 साल के बच्चों को भी हो रही है कारण खान पान  शुरू की अवस्था में तो इतनी घातक नहीं होती है पर जैसे जैसे शुगर लेवल बढ़ता है यह बहुत घातक हो जाती है   इससे बचाव के उपाय हल्दी गाठ वाली 100 ग्राम आंवला चूर्ण 100 ग्राम छोटी हरड़ 50 ग्राम  हरड़ को दूध में 24 घंटे के लिए भिगो दें भीगते समय उनको दो-तीन बार चला दें घुमा दें उसके बाद हरडे फूल जाएगी निकाल कर दो-तीन बार पानी से धोकर उनको सुखा ले और आधा चम्मच घी डालकर हरडे को भून ले व पीस कर पाउडर बना लें  हरड के अलावा  हल्दी व आंवला को भी पीस कर पाउडर बना ले  व तीनों पाउडर मिलाकर एक सुखे एयरटाइट बर्तन में भर ले तीन ग्राम मात्रा   में दोनो भोजन के बाद  एक डेढ़ घंटे पहले ताजी पानी से लेना है *अथवा* गेहूं इंद्र जो  कड़वे देसी बबूल का गोंद कच्चा कलौंजी  चारों सौ सौ ग्राम लेकर मोटा कूट ले अब इसमें तीन लीटर पानी मिला मंद मंद आंच पर डेढ़ लीटर पानी बचाने  तक उबालें  फिर कपड़े से छान कर रख ले 30 मिलीलीटर  सुबह खाली पेट ले 1 घंटे तक कुछ ना खाएं...

Pain & Swelling

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* सूजन और दर्द* रोजाना के जीवन में हमें चोट आदि लगती रहती है  व सूजन आकर दर्द भी होता है  सूजन व दर्द के लिये अपन घर पर ये इलाज कर दर्द से छुटकारा पा सकते है... इसके लिए हमें कुछ सामान चाहिए जो घर पर ही उपलब्ध है 1. तिल्ली का तेल दो चम्मच  2. गेहूं का आटा एक चम्मच     3  .एक केला  कड़ाई मे तिल्ली के तेल को गर्म कर उसमे गेहूं का आटा डाल कर हल्का भून ले । केले को साफ पानी से धोकर उसका छिलका हटाकर उस छिलके को मिक्सी मे अच्छे से पीस कर  व केले को अच्छी तरह आटे के मिश्रण में मिला लें अब इस पेस्ट को कड़ाई मे भुने आटे  के साथ मिक्स कर हल्का गर्मकर (सुहाता सुहाता)  चोट लगे स्थान पर लगा कर   सूती कपड़े की पट्टी कर देवे ।  2..3   दिन पट्टी से चोट का  दर्द ठीक हो जायेगा ।        ये मिश्रण घुटना, पीठ, गर्दन के दर्द मे भी दर्द निवारण करेगा  ☯️

Acidity & Gas

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* एसिडिटी और गैस* आज कल के खान-पान और परिश्रम रहित जीवन से स्वास्थ की कई समस्या पैदा हो गई जिनमें प्रमुख है एसिडिटी और गैस की समस्या  इन से छुटकारा पाने के लिए कुछ उपाय एक चम्मच अजवायन में चौथाई चम्मच नींबू का रस मिलाकर चाट लें।  गैस में जल्द छुटकारा मिलेगा   अदरक का रस  सेंधा नमक  भुना हुआ जीरा  मिलाकर मिश्रण बनाएं और ऊपर आधा ग्लास छाछ भी पीएं। तुरंत आराम मिलेगा   एक ग्लास गुनगुने दूध में 2 चम्मच एरंडी का तेल मिलाकर पीएं। ये गैस की समस्या में तुरंत राहत देगा।  चोकर सहित यानी बिन छने आटे की रोटी खाने से एसिडिटी और गैस में फायदा होता है।     गन्ने का रस को गर्म करके उसमें थोड़ा सा नींबू का रस और सेंधा नमक डालकर।  इसे दिन में कम से कम 2 बार पीएं। ऐसा करने से  एसिडिटी और गैस से आराम मिलता है। ☯️

Ubtan for Face

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* उबटन चेहरे के लिए* चेहरा देख कर लोग दिल का अनुमान लगाते हैं  हर किसी की इच्छा होती है उसका चेहरा चमके                      एक उबटन  जो आपके चेहरे के लिए वरदान से कम नहीं होगा   और अपने घर पर ही बना सकते हैं  इस उबटन से चेहरे की ज्यादातर समस्याओ  जैसे -झाइयाँ ,कील, मुहांसे ,दाग धब्बे ,डार्क सर्किल ,पिगमेंटेशन आदि समस्या को को दूर करके  चेहरे पर रौनक ले आएगा और चेहरा चमकदार हो जाएगा   *करना ये है* सफेद चंदन -10 ग्राम मजीठ -10 ग्राम लोध -10ग्राम हल्दी- 10ग्राम मुल्तानी मिट्टी- 10 ग्राम     सभी चीजों को मिलाकर पीस लें और  कच्चे दूध में मिलाएं इस उबटन को चेहरे पर लेप करें करें, सूखने के बाद धोलें,  इसके नियमित प्रयोग से चेहरा  पर शानदार चमक आ जाएगी  ☯️

Stamace Heat

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* पेट की गर्मी* अपने पेट की गर्मी पहचाने और उपचार करें सीने में जलन होना  सांस लेने में तकलीफ होना  खट्टी डकारें आन   उल्टी आने जैसा महसूस होना पेट में  जलन और दर्द होना गले में जलन होना पेट का फूल जाना (पेट में अफ़ारा होना)  कब्ज होना सिर दर्द होना  पेट में गैस का बनन अगर ये लक्षण है तो हमारे पेट में गर्मी है पेट को ठंडा रखने के उपाय   पेट की गर्मी को शांत करके उसे ठंडा रखने में केला बहुत मदद करता है. केले के पोटेशियम की मात्रा पेट में बनने वाले एसिड को नियंत्रित करती है और केले का पी एच तत्व एसिड को कम करता है. साथ ही केला, पेट में एक चिकनी पर्त बना देता है जिससे एसिडिटी में कमी आती है. केले का फाइबर पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है. तुलसी रस या पत्तों का सेवन करने से पेट में पानी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेट के अतिरिक्त ऐसिड में कमी आती है. इसे खाने से मिर्च-मसाले वाला खाना भी सरलता से पच जाता है  खाना खाने के बाद पाँच-छह तुलसी के पत्ते खाने से एसिडिटी नहीं होती है.   दूध का कैल्शियम, पेट के एसिड को एब्जॉर्ब करके उसे बहुत...

GARLIC

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* लहसुन*  लहसुन में खनिज एवं विटामिनों की काफी अधिक मात्रा होती है। इसमें आयोडीन, गंधक, क्लोरीन, कैल्शियम, फाॅस्फोरस, लोहा, विटामिन ‘सी’ ‘बी’ काफी मात्रा में पाए जाते हैं  लहसुन के उपयोग से कई प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है। शारीरिक शक्ति और वीर्यवर्द्धन में लाभकारी है। यह पौष्टिक,  गर्म, पाचक, मल-निष्कासक तीक्ष्ण तथा मधुर है।  लहसुन को हृदय रोगों में ‘अमृत’ कहा गया है 10, 12 लहसुन की कलियां को पाव भर दूध में अच्छी तरह उबाल लें।कलियों  को खाकर दूध पीने से तपेदिक व क्षय रोग में आराम मिलता है। यदि फेफड़े के पर्दे पर अधिक तरल जमा होने से सांस लेने में कठिनाई हो और बुखार हो तो लहसुन पीसकर आटे में इसकी पुलटिस बनाकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है। लहसुन का रस गुन-गुने पानी में मिलाकर पीने से सांस का दर्द दूर होता है। लहसुन की दो कलियां को देशी घी में भूनकर दिन में दो बार खाने से श्वांस के कष्ट दूर होते हैं।  दमे के दौरे में भी लहसुन का रस व शहद मिलाकर चाटने से दौरे का कष्ट दूर होता है। गैस और अम्लता की शिकायत दूर करता है। लहसुन के प्रयोग...

HEEL PAIN

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* एडी के दर्द* एडी का दर्द बहुत ही  कष्टदायक है  यह दर्द महिलाओ को अधिक होता है।कारण सारा दिन खड़ा रहना या ऊंची एड़ी की सैंडल पहनना   हड्डी का बढ़ना इसके मुख्य कारण हैं। इस रोग का  सौ फीसदी उपचार *आवश्यक सामग्री* नौशादर – एक चौथाई छोटा चम्मच   ग्वार पाठा आधा चम्मच  हल्दी–आधा चम्मच. एक बर्तन में गवार पाठा धीमी आंच पर गरम करे, उस में नौशादर और हल्दी डाले जब गवार पाठा पानी छोड़ने लगे तब उसे एक सूती कपड़े के टुकड़े पर रख ले सुहाता सुहाता गर्म (गरम जितना सह सके,)   एड़ी पर पट्टी की तरह बांध लीजिये, और उपर से मोजा पहन लिजिए  ये प्रयोग सोते समय करे क्योंकि इसे बाँध कर चलना नहीं है।  ऐसा कम से कम एक महिन तक  करे। पूरा आराम मिलेगा    एड़ी के दर्द वाले व्यक्ति को इसे ज़रूर आज़ माना चाहिए।  एलो वेरा की सब्जी व ज्युस भी पीने से आराम शिघ्र आएगा   शारीर की किसी भी जगह हड्डी का दर्द  हो ये दवा दर्द को सही करेगी ☯️

SLEEP

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* नींद* कुछ लोगों को नींद बहुत आती है वह हर समय आलस्य बना रहता है जिससे काम के समय खलल पड़ता है  नींद कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार  नियमित व्यायाम करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होकर नींद की अवधि कम हो जाती है। सुबह सुबह की धूप स्वास्थ के लिए बहुत अच्छी होती है  सुबह के समय धूप में बैठने से शरीर की घड़ी सेट होती है और नींद का समय नियंत्रित होजाता है। कैफीन का अधिक सेवन नींद को बढ़ा सकता है, इसलिए इसका सेवन कम करना चाहिए।  दिनचर्या अगर नियमित हो तो  शरीर की घड़ी सेट होजाती है और नींद का समय भी नियंत्रित होजाता है।  तनाव को प्रबंधित करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होजाता है और नींद की अवधि कम होजाती है। उपरोक्त उपायों के  अदरक, ग्रीन टी,  पेपरमिंट टी का सेवन भी कर सकते हैं जो नींद को कम करने में मदद करते हैं। ☯️

MANGO

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* आम* गर्मी का सीजन शुरू हो गया है यानी आम  का सीजन  शुरू ‌होगया  आम एक फल ही नहीं बल्कि औषधि भी है पके आम को गर्म राख में भूनकर खाने से सुखी खासी ख़त्म हो जाती है।   आम के रस में एक चुटकी सेंधा नमक तथा थोड़ी सी चीनी मिलाकर पिने से भूख बढती है।     एक गिलास देसी गाय का दूध में एक कप आम का रस मिलाएं उसमे एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सुबह शाम पीने से खून बढ़ता है।   आम की गुठली की गिरी पीसकर मंजन बना कर मंजन करने से   दांत  और मसूड़ों के रोग दूर हो जाएंगे।  अगर नाक से खून गिरता हो आम की गुठली की गिरी का एक बून्द रस नाक में टपकाए आराम मिलेगा।   आम के पत्तो को जलाकर राख बना लीजिए और जले हुए स्थान पर राख को लगा दे इससे आराम आ जाएगा   आम के फूलों को रगड़ने से हाथ पांव जलन दूर हो जाती है।    एक कटोरी मीठे आम के रस में एक चुटकी सोंठ पाउडर मिलाकर सुबह भूखे पेट पीने से पाचनशक्ति बढती  है।    रेशेदार आम कब्जनाशक होते है और सेहत के लिए लाभदायक  होते है।  आम के 8 -...

MultaniMitti

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* मुल्तानी मिट्टी* मुल्तानी मिट्टी हलके पीले रंग की एकदम चिकनी होती है और ढेले के रूप में मिलती है.  इसमें सिलिका कम और लाइम स्टोन ज्यादा रहता है.   इसे कूट कर हल्दी के साथ मिलकर प्रयोग किया जाए तो झाइयां व् मुहांसे दूर होते हैं और त्वचा कांतिमय बन जाती है  रोज रोज साबुन लगाने से शरीर के मित्र जीवाणु नष्ट हो जाते है ,साथ ही शरीर की कुदरती  गंध भी खत्म हो जाती है रासायनिक संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण जरिया होती है जो मित्र कीटाणु और शरीर की गंध दोनों बचाती है. गर्मियों में होने वाली घमौरियों के उपचार में मुल्तानी मिट्टी अचूक औषधि है। शरीर पर इसका पतला लेप खून की गर्मी को कम करता है। तेज बुखार में तापमान तुरंत नीचे लाने के लिये सारे शरीर पर इसका मोटा-मोटा लेप करना चाहिए। ये नेचुरल कंडीशनर और ब्लीच भी। ये सौन्दर्य निखारने का सबसे सस्ता नुस्खा है। मुल्तानी मिट्टी सभी फेस पैक का बेस होती है। चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाने से रंगत निखरती है। बालों में लगाने से वे घने, मुलायम और काले हो जाते हैं।  मुहांसों की समस्या में मुल्तानी मिट्टी सबसे का...

Buttermilk

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* छाछ* छाछ का सेवन गर्मियों में अमृत के समान है। इससे कैलोरी और फैट कम होता है। व प्यास बुझाती है  भोजन के साथ छाछ पीना  लाभदायक होता है। यह आसानी से पचती है ताजे दही से बनी छाछ ज्यादा लाभकारी होता है।  छाछ से पेट का भारीपन, आफरा, भूख न लगना, अपच व पेट की जलन  दूर होती है। खाना पचाने के लिए भुना हुआ जीरा, कालीमिर्च  और सेंधा नमक छाछ में मिलाकर धीरे धीरे  पीने से खाना जल्दी पचता है। कमरदर्द, जोड़ों का दर्द व गठिया आदि मे भी छाछ लाभदायक है पीलिया रोग में एक कप छाछ में 10 ग्राम हल्दी मिलाकर दिन में तीन-चार बार पीने से फायदा होता है।    रोजाना छाछ पीने से बवासीर, मूत्र विकार, प्यास लगना और त्वचा संबंधी बीमारियों में लाभ होता है। गर्मी के कारण अगर दस्त हो रही हो तो बरगद की जटा को पीसकर और छानकर छाछ में मिलाकर पीने से फायदा होता है छाछ में मिश्री, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर  पीने से एसिडिटी खत्म हो जाती है।  छाछ में हेल्‍दी बैक्‍टीरिया और कार्बोहाइड्रेट्स व  लैक्‍टोस  होते हैं जो शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है...

Jumping Rope

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* रस्सी कूदना* रोजाना सिर्फ 10 मिनट रस्सी कूदने से मिलते‌ है अनगिनत फायदे रस्सी कूदने से पूरी बॉडी की एक्सरसाइज होती है इससे ब्लड सर्क्युलेशन सुधरता है इससे फैट तेजी से घटता है और मोटापा कम होता है रस्सी कूदने से हाथ और पैर दोनों की कसरत हो जाती है इससे कंधे, हाथ और पैरों की मसल्स टोन और स्ट्रोंग होती है रस्सी कूदने से बॉडी का ब्लड सरकुलेशन  सुधरता है और टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं इससे स्किन हेल्थी होती है और ग्लो बढ़ता है रस्सी कूदने से पूरी बॉडी की एक्सरसाइज होती है और ब्लड सरकुलेशन सुधरता है इससे स्टेमिना बढ़ता है और थकान दूर होती है रस्सी कूदने से हार्ट तेजी से ब्लड पंप करता है इससे बॉडी का ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है रस्सी कूदत से पसीने के साथ बॉडी के टॉक्सिंस बाहर निकलते हैं इससे बॉडी अंदर से क्लीन होती है इससे पैरों की मसल स्ट्रॉन्ग होती है ब्लड सरकुलेशन सुधरता है  और घुटनों और पैरों के दर्द से आराम मिलता है रस्सी कूदने से बॉडी का ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है ब्रेन फंक्शन बेहतर होते हैं यादास्त बढ़ती है और स्ट्रेस कम होता है रस्सी कूदने से फेफड़ो से ज्यादा ऑक्सीजन निकलती है...

Some useful Experiment s

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* कुछ उपयोगी प्रयोग*  अगर चक्कर आते हो तो         एक ग्लास पानी मे चार पाच मुनक्का  और एक-दो काली मीर्च का पाउडर उबालकर ठंडा करके मरीज को पीलाए। अगर हाई बीपी हो तो   पुदीना के पत्ते मरीज को खिलाकर पानी पीलाए।  बेल पत्र के सात आठ पत्ते सुबह चबा-चबाकर खाए और उपर से एक गिलास पानी पीए यह प्रयोग चालीस दिन करने से बिमारी जड से समाप्त हो जाएगी हार्ट संबंधित तकलीफ मे मरीज को जमीन पर बैठकर अदरक खाने के लिए दे दिजिए। अगर कमज़ोरी महसूस हो तो          एक दो खजूर, चार पांच मुनक्का  दूध मे उबालकर ठंडा करके मरीज को पिलाए। खजूर तीन-चार घंटे पानी मे भीगाकर रखे फिर पानी साथ उबाले।       ☯️

Myrobalan

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* हरड के फायदे*, हरड घर का वैद्य है यह एक जड़ी लाख दुखों की दवा है  हरड़ के चूर्ण में एक चौथाई भाग  नमक मिलाना कर सेवन करने से पेट साफ रहता है  इससे अधिक में दस्तावर हो सकती है सुबह शहद के साथ हरड़ का चूर्ण चाटने से शरीर का बल और शक्ति बढ़ती है। व.मक्खन-मिस्री के साथ हरड़ के चूर्ण का सेवन करने से स्मरण शक्ति और बुद्धि बढ़ती है इसके सेवन से कई छोटी से बड़ी बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है, यह दिमाग को तेज रखने में और आँखों के लिए सबसे गुणकारी औषधि है, जो शरीर को ताकत प्रदान कर निरोगी बनाती है। हरड़ के एनिमा से अल्सेरिक कोलाइटिस जैसे रोग भी ठीक हो जाते हैं। .हरड़ लीवर, स्पलीन बढ़ने तथा उदरस्थ कृमि जैसे रोगों के इलाज के लिए  भी लाभदायक है  हरड़ नेत्र के लिए सबसे फायदेमंद होती है, इसका सेवन करने के लिए पहले हरड़ को भुनले, फिर बारीक़ पीस लेने के बाद इसका अच्छी तरह से लेप बनाकर के आँखों के चारो और लगा ले। ऐसा करने से आँखों की सूजन और जलन जैसी परेशानिया दूर होती है।  बवासीर और कब्ज के लिए हरड़ का चूर्ण बहुत ही लाभकारी होता है। इसके लिए हरड़ में थोड़ा सा गुड मिलाकर गोली ब...

Patharchatta

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* पत्थरचट्टा* पत्थरचट्टा एक चमत्कारिक पौधा हैं।           इसका उपयोग कई तरह की बिमारियों में किया जाता हैं। पत्थरचट्टा गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद करता हैं, खासकर कैल्शियम ऑक्सालेट से बनी पथरी को। इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो शरीर से पथरी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। पथरचट्टा के पौधे में विटामिन और खनिज होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं।व एसिडिटी और सीने में जलन जैसी पाचन समस्याओं में भी मदद करता हैं। पथरचट्टा के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करके  बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं  इसमें विटामिन और खनिज होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करते है और बालों को भी मजबूत, स्वस्थ  व चमकदार बनाते हैं। यह पौधा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करता हैं। पत्थरचट्टा के रस में कैलोरी कम होती हैं यह वजन घटानेे में मदद करता हैं। पत्थरचट्टा लीवर को साफ और उसके कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता हैं। पत्थरचट्टा के पत्तों का लेप घाव और चोटों...

Hair Problems

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* बालों की समस्याएं* आज हर व्यक्ति बालों की समस्याओं से परेशान हैं  इसके कारण है अत्यधिक शैंपू, साबुन का बालो पर इस्तेमाल  तेल के नाम नकली तेल लगाना यानी बिना चिकनाई का  तेल लगाना एकदम गर्म - गर्म हेयर ड्रायर से बाल सेट करना  जैल  का अत्यधिक प्रयोग   और अंत में ज्यादा चिंता करना पहले लोग बालों में शुध्द घी लगाते थे  बालों की सेहत का राज  *चिकनाहट* अच्छे चिकने तेल उपलब्ध है तो बिना चिकनाई वाले तेल क्यों लगाना ।। जिससे बालों को पोषण ही न मिले ।।  बढ़िया घानी से निकाला हुआ तिल का तेल मंगवाइए  सरसो का तेल लाएं  शुद्ध नारियल का तेल लिजिए असली वाला , चिकना,दमदार ।। सुगंधित तेल छोड़ दीजिए  करके देखें , जिन लोगो के बाल झड़ ज्यादा रहे हैं ,उन्हें फायदा मिले ,  ☯️

Matke Ka Pani

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*मटके का पानी* गर्मियों में ठंडा पानी पीने की चाहत हर किसी को होती है और वह बर्फ का या फ्रीज का पानी पीता है जो स्वास्थ के लिए हानी करक  होता है इसका विकल्प है मिट्टी का मटका या घडा मटके में पानी पीने के कई लाभ हैं            यह न सिर्फ प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है, बल्कि शरीर के लिए कई तरह से लाभकारी भी होता है। मिट्टी से बने मटके में मृदा के प्राकृतिक गुण होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं और उसमें ज़रूरी मिनरल्स घोल देते हैं। इससे पानी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सहायक होता है और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। मटके का पानी सामान्य तापमान से थोड़ा ठंडा होता है जो शरीर को ठंडक देता है, लेकिन अधिक ठंडा नहीं होता। यह शरीर के मेटाबॉलिज़्म को सुधारता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को सक्रिय करता है।  यह शरीर में Testosterone स्तर को भी संतुलित करता है। मिट्टी में alkaline तत्व होते हैं जो पानी के साथ मिलकर उसका pH Balance बनाए रखते हैं। यह शरीर को एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचाता है और सेल्स का नेचुरल फंक्शन सुधारता है। फ्रिज का पानी प...

SLEEP

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* नींद* शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भरपूर नींद लेना  जरूरी है। क्योंकि हम नींद पूरी करने के लिए नहीं सोते बल्कि नींद के वक्त हमारा शरीर रिपेयर होता है।  हालांकि कई बार लोगों को नींद नहीं आने की समस्या होने लगती है। कई बार  ऐसा होता है कि बिस्तर पर लेटे रहने के बाद भी नींद नहीं आती है। करवटे बदलते रहते हैं  रात में समय पर नींद पूरी नहीं होती तो इससे अगले दिन असर पड़ता है। थकान, कमजोरी और एनर्जी में कमी रहती है। नींद पूरी न होने के कारण शरीर में ताजगी नहींआती   कुछ ऐसे तरीके जिससे । जिससे आपको मिनटों में जल्दी नींद आ जाएगी। इस तरीके को अपनाने के  लिए आपको फेस की मसल्स को रिलेक्स देना होगा। कंधों को नीचे करें और तनाव को भूल जाएं। अपने दोनों हाथों को बगल में लगाएं और गहरी सांस छोड़ते हुए सीने को रिलेक्स दें। अपने पैरों, जांघों और पिंडलियों को आराम दें। किसी शांत जगह की मन में कल्पना करें और उसे देखें। धीरे-धीरे आपको नींद आने लगेगी। इस तरह आप पूरी रात रिलेक्स होकर सो पाएंगे। नींद आने के लिए सांस से जुड़ी कुछ तरकीबें भी काम आती है। इससे मांसपेशियो...

Platelets

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* प्लेटलेट्स*  प्लेटलेट्स  की कमी को अनदेखी नहीं करें ये  जानलेवा भी हो सकती है  प्लेटलेट्स ब्लड की मदद से खून के थक्के बनते हैं. अगर ब्लड में इसकी मात्रा कम होने लगे, तो खून के थक्के बनने में परेशानी हो सकती है. जिससे शरीर से खून काफी ज्यादा बाहर निकल सकता है, और ‌मरीज की जान जा सकती है.  इसलिए प्लेटलेट्स की सही मात्रा शरीर में होनी जरूरी होती है. एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रोलिटर होनी चाहिए. अगर यह संख्या इससे कम हो जाए तो खून बहने की समस्या हो सकती है.  प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर में कई तरह के संकेत दिखते हैं, जिसपर ध्यान देकर इलाज शुरू करा सकते हैं.  *स्किन का रंग नीला नजर आना* बिना किसी चोट के शरीर के किसी हिस्से पर नीले, बैंगनी या काले निशान दिखना प्लेटलेट्स की कमी का पहला और आम लक्षण हो सकता है.  ये निशान खून के त्वचा के नीचे जमने से बनते हैं, जो दर्शाता है कि शरीर में खून जमाने की क्षमता कम हो रही है. खून में प्लेटलेट्स कम होने पर स्किन पर छोटे-छोटे दाने नजर आते हैं. ये दाने आमतौर पर पैरों, टां...

Itching

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* खुजली,* खुजली एक प्रकार का संक्रामक रोग है यह रोग अधिकतर हाथों और पैरों की उंगुलियों के जोड़ों में होता है। खुजली दो प्रकार की होती है सूखी खुजली गीली खुजली   खुजली का रोग आरम्भिक अवस्था में  उस व्यक्ति की शरीर की त्वचा पर छोटे-छोटे दाने  निकलने लगते हैं। इन दानों के कारण व्यक्ति की त्वचा पर बहुत अधिक जलन तथा खुजली होती है। रोगी व्यक्ति फुंसियों को खुजलाने लगता है तो वे फूटती हैं और उनमें से तरल दूषित द्रव निकलता है। खुजली होने का सबसे प्रमुख कारण शरीर में दूषित द्रव्य का जमा हो जाना है। जब रक्त में दूषित द्रव्य मिल जाते हैं तो दूषित द्रव शरीर की त्वचा पर छोटे-छोटे दानों के रूप में निकलने लगते हैं। शरीर की ठीक प्रकार से सफाई न करने के कारण भी खुजली हो जाती है। पाचन तंत्र खराब होने के कारण भी खुजली रोग हो सकता है क्योंकि पाचनतंत्र सही से न काम करने के कारण शरीर के खून में दूषित द्रव्य फैलने लगते हैं जिसके कारण खुजली हो सकती है। अधिक औषधियों का सेवन करने के कारण भी खुजली हो सकती है। खुजली का उपचार करने के लिए कभी भी  पारा या गन्धक आदि विषैली औषधियों क...

Black Salt &Acidity

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* काला नमक और एसीडिटी* काला नमक से एसिडिटी, बदहजमी और पेट फूलने की समस्या से आसानी से आराम पाया जा सकता है। काला नमक लीवर में एक प्रकार के बाइल को पैदा करने में मदद करता है जो हाजमा  को उन्नत करने के साथ-साथ भूख को बढ़ाता है।  बायल में छोटी आंत में जो फैट और फैट-सोल्युबल विटामिन होते है उसको सोखकर बदहजमी होने से बचाता है।  यह पेट में एसिड को संतुलित करके हार्टबर्न से राहत दिलाता है। काला नमक में सोडियम क्लोराइड, सल्फेट, आयरन, फेरिक ऑक्साइड आदि होते हैं जो एसिडिटी के लक्षणों से आराम दिलाने में मदद करते हैं। खाने के बाद काला नमक लेने से पेट हल्का रहता है। काला नमक में जो आयरन होता है वह शरीर में ब्लड काउन्ट को बढ़ाकर एनीमिया से लड़ता है।  काला नमक को अजवाइन के साथ पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर लेने से एसिडिटी, हर्टबर्न, पेट का फूलना जैसे लक्षणों से राहत मिलती है।  इसको खाने के बाद या सोने से पहले लेना अच्छा होता है। काला नमक को ऊपर से भी डालकर खा सकते हैं।  अगर खाने बनाने में  इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो टेबल सॉल्ट और काला नमक को बराबर भागों...