GARLIC

*लहसुन* 



लहसुन में खनिज एवं विटामिनों की काफी अधिक मात्रा होती है। इसमें आयोडीन, गंधक, क्लोरीन, कैल्शियम, फाॅस्फोरस, लोहा, विटामिन ‘सी’ ‘बी’ काफी मात्रा में पाए जाते हैं

 लहसुन के उपयोग से कई प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है। शारीरिक शक्ति और वीर्यवर्द्धन में लाभकारी है। यह पौष्टिक,  गर्म, पाचक, मल-निष्कासक तीक्ष्ण तथा मधुर है।
 लहसुन को हृदय रोगों में ‘अमृत’ कहा गया है


10, 12 लहसुन की कलियां को पाव भर दूध में अच्छी तरह उबाल लें।कलियों  को खाकर दूध पीने से तपेदिक व क्षय रोग में आराम मिलता है।

यदि फेफड़े के पर्दे पर अधिक तरल जमा होने से सांस लेने में कठिनाई हो और बुखार हो तो लहसुन पीसकर आटे में इसकी पुलटिस बनाकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।

लहसुन का रस गुन-गुने पानी में मिलाकर पीने से सांस का दर्द दूर होता है। लहसुन की दो कलियां को देशी घी में भूनकर दिन में दो बार खाने से श्वांस के कष्ट दूर होते हैं।

 दमे के दौरे में भी लहसुन का रस व शहद मिलाकर चाटने से दौरे का कष्ट दूर होता है।

गैस और अम्लता की शिकायत दूर करता है। लहसुन के प्रयोग से आंतों में पाचक रस उत्पन्न होते हैं तथा पेट के रोगों को समाप्त करने में सहायता मिलती है। 
आंतों और पेट में किसी भी प्रकार से संक्रमण से उत्पन्न सूजन समाप्त हो जाती है। लहसुन में पाया जाने वाला एन्टीसेप्टिक तत्व संक्रामक रोगों से रोकथाम करता है।

पेट में कैंसर होने की स्थिति में पानी में लहसुन को पीसकर कुछ समय रोगी को पिलाते रहने से पेट से कैंसर दूर हो जाता है

पेट दर्द, पेचिश, दस्तों में  लहसुन का प्रयोग लाभदायक है। पेट के रोगो मेंं  लहसुन से आंतों के विषाणु नष्ट होते हैं।

 हृदय रोग का मुख्य कारण रक्त वाहिनियों, धमनियों का सिकुड़ जाना है और इनसे कोलेस्ट्राॅल जम जाता है जिसके कारण शरीर में रक्त-प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं हो पाता। लहसुन के प्रयोग से सिकुड़ी हुई अथवा रुकी हुई धमनियां साफ हो जाती हैं

लहसुन की दो तीन कलियां चबा लेने से हार्ट फेल होने की नौबत नहीं आती
 लहसुन के सेवन से हृदय पर पड़ने वाला गैस का दबाव कम होता है। यह कोलेस्ट्राॅल को समाप्त करता है

 उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण भी धमनियों का संकुचित होना है। लहसुन के प्रयोग से धमनियों की सिकुड़न समाप्त हो जाती है। लहसुन, पुदीना, जीरा, धनिया, काली मिर्च, सेंधा नमक की चटनी खाने से रक्तचाप कम होता है।

 दर्द व सूजन वाले स्थान पर लहसुन का रस लगाने से दर्द कम हो जाता है सूजन दूर होती 

लहसुन के रस को शहद के साथ सेवन करने से भी नपुंसकता दूर होती है।

लहसुन का प्रयोग त्वचा के विकारों को भी दूर करता है। 

शरीर पर  घाव होने पर लहसुन का रस लगाने पर घाव जल्दी ठीक हो जाता है, घाव में कीड़े नहीं पड़ते हैं।


 लहसुन की कलियों को नमक के साथ पीसकर गुम चोट वाले स्थान पर बांधने से लाभ होता है।

लहसुन गुणों की खान है

जहरीले कीड़े के काटने पर भी लहसुन का रस लगाने से विष का प्रभाव दूर हो जाता है।

गले की ग्रंथियां की सूजन में लहसुन चबाकर खाने से सूजन दूर हो जाती है।

कुकुर खांसी, काली खांसी, फेफड़ों से खून आने पर लहसुन की कलियां चूसने से लाभ होता है।

लहसुन खाने से निमोनिया में भी आराम होता है।

लहसुन को तेल में पकाकर उस तेल को ठंडाकर मालिश करने से त्वचा की खुजली मिट जाती है और त्वचा ठीक हो जाती है।

मिर्गी की बेहोशी दूर करने के लिए लहसुन के रस को नाक में टपकाना चाहिए।

लहसुन मेधाशक्ति को बढ़ाता है और नेत्रों के लिए भी हितकर है।
लहसुन में विद्यमान एलाइसिन, ऐजोन तथा गंधक तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है।

तीन बरस से छोटे बच्चों को लहसुन नहीं दें
गंभीर रोगियों को डाक्टर की सलाह से लहसुन ले



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