Thyroid
*थाइराइड*
थाइराइड आजकल अधिकतर लोगों को हो गई है जो शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण होती है।
आयुर्वेद में इसका समाधान मौजूद हैं बील्व पत्र पेड़ की पत्तियां 21 दिन तक सेवन करने से थाइराइड की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
बेल (बिल्व वृक्ष)। बेल की पत्तियां आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और इम्यून मॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं, जो थाइराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित करने में मदद करते हैं।
ताजी, हरी और स्वस्थ पत्तियों चुने
पत्तियों को साफ पानी से धो लें
सुबह खाली पेट कुछ पत्तियां चबाकर खाएं।
आप चाहें तो इनका पेस्ट बनाकर एक गिलास गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं।
बिना रुके लगातार 21 दिन तक खाने से थाइराइड ग्रंथि पर इसका सकारात्मक प्रभाव नजर आने लगेगा।
बेल की पत्तियों में थाइराइड हार्मोन को नियमित करने वाले गुण होते हैं।
यह ग्रंथि के आकार को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं।
इन पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे थाइराइड से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव होता है।
बेल की पत्तियां शरीर को डिटॉक्स करती हैं और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती हैं।
थाइराइड के कारण होने वाले वजन बढ़ने या घटने की समस्या में भी बेल की पत्तियां फायदेमंद होती हैं।
किसी थाइराइड की दवा का सेवन कर रहे हैं, या गर्भवती महिलाएं हों तो इस उपाय को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें
पत्तियों का अधिक सेवन न करें। संतुलित मात्रा का ही उपयोग करें।
बेल की पत्तियां थाइराइड जैसी गंभीर समस्या का प्राकृतिक और सुरक्षित समाधान प्रदान करती हैं। 21 दिन तक इनका नियमित सेवन हार्मोन असंतुलन को ठीक करने और थाइराइड ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
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