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Showing posts from October, 2024

Dry fruits

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* ड्राई फ्रूट्स* सर्दियों में वह त्यौहारों में सूखा मेवा खाने में ज्यादा आता है मगर ये फायदा जब ही करेगा जब इसका उपयोग समझदारी से किया जाएं क्यों कि ड्राई-फ्रूट्स को पचने में समय लगता है पचने में कितना समय लगता है? इन बातों का रखेंगे ध्यान डाइजेशन की समस्या नहीं होगी   ड्राई फ्रूट्स पचने का समय उनके प्रकार और आपके शरीर की पाचन क्षमता पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर, ड्राई फ्रूट्स को पचने में 2 से 4 घंटे का समय लगता है। कौन से ड्राई फ्रूट्स कब  पचते हैं?  खजूर में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए ये जल्दी पच जाते हैं।    किशमिश भी जल्दी पचने वाले ड्राई फ्रूट्स में से एक हैं।    खुबानी में भी फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए ये जल्दी पच जाते हैं।   बादाम में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए   ये धीरे धीरे पचते हैं। अखरोट में भी फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए ये धीरे  धीरे पचते हैं।   काजू में भी फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए ये धीरे धीरे पचते हैं। ड्राई फ्रूट्स को आसानी से पचाने के लिए ड्राई फ्...

Dengue

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* डेंगूे*  आज़ कल डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है अगर इसका इलाज ढंग से और तुरंत न किया जाए तो जानलेवा हो सकता है   डेंगू से छुटकारा पाने के कुछ  घरेलू उपचार   खाने में जितना हो सके विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें। विटामिन-सी आपको स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से भी रोकता है।   किसी भी रूप में खान-पान में हल्दी का सेवन करें।  सब्जी या दाल में हल्दी का प्रयोग तो होता ही है, इसके अलावा आप चाहें तो हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं।   तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है।  डेंगू के इलाज में पपीते की पत्त‍ियां बेहतर इलाज के रूप में जानी जाती हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में लेने से डेंगू से बचाव किया जा सकता है। अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें ☯️

Apple

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* सेब* सेब एक ऐसा फल है जो आप के शरीर की बहुत सी जरूरते पूरी करके आप को स्वस्थ और फिट रखता है हर दिन एक सेब खाने से कमर की चर्बी बढ़ने की संभावना कम हो जाती है। सेब में विटामिन ए व सी, कैल्शियम, पोटेशियम और फाइबर बहुतायत में होता है।  जो हमें सेहतमंद बनाते हैं। सेब में प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। लाल सेब में तो सेब की अन्य प्रजातियों की तुलना मे ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इस वजह से लाल सेब कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और पार्किंसन व अल्जाइमर जैसे मस्तिष्क रोग संबंधी समस्याओं में बहुत लाभकारी रहता है। लाल सेब में उपस्थित फ्लैवोनॉइड तत्व एंटी ऑक्सीडेंट का काम करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इससे दिमाग की कोशिकाएँ स्वस्थ रहती हैं। इसमें प्रोटीन एवं विटामिन की संतुलित मात्रा और कैलोरी कम होती है जिससे यह हृदय को स्वस्थ रखने मे संकर्षण होती है।  जो लोग नमक का सेवन कम करते हैं उनके लिए सेब सुरक्षित और लाभकारी है क्योंकि सेब में सोडियम की मात्रा नहीं के बराबर होती है। ☯️

Lauki ke Chilke

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*लौकी के छिलके*    लोकी तो गुणकारी है ही हम सब जानते है परन्तु लोकी के छिलके जिन्हें हम बेकार समझकर फेंक देते हैं कम गुणकारी नहीं है लौकी के छिलके का उपयोग धूप से झुलसी एवं काली हो चुकी त्वचा को वापस सुंदर और गोरा करने में कामयाब  है। इसके लिए लोकी के छिलकों का पेस्ट बना कर  त्वचा पर लगाकर कुछ देर रखना है और फिर धो लेना है। कुछ ही दिनों में फर्क नजर आने लगेगा   अधिक गर्मी के कारण त्वचा एवं पैर के तलवों में जलन होने लगे तो इससे छुटकारा पाने के लिए लौकी के छिलकों को त्वचा पर रगड़ने से आराम मिलता है।  बवासीर या पाइल्स होने पर भी लौकी के छिलके फायदेमंद है।  इन छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे रोजाना ठंडे पानी के साथ दिन में दो बार सेवन करने से जल्दी ही बिमारी से छुटकारा मिलेगा ☯️

Tooth Cavities and Garlic

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* डेंटल कैविटीज़* *दांतो में अगर खड्डा हो जाए तो बहुत दुखदाई होता है उसके उपचार के कुछ उपाय* *दांतों को ठीक करने और उनमें कैविटी और बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए  *लहसुन की एक कली लेनी है, उसे  मुंह में अच्छे से चबाना हैऔर कुछ देर तक दबाकर रखना है* कुछ देर बाद लहसुन को थूंक देना और मुंह को अच्छी तरह कूल्ला करके साफ करले लहसुन की गंध खत्म हो जाएगी*  *लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक होने के कारण मुंह में बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है* *लहसुन चबाने से  बहुत तरल हो जाता है और लार, चुभन और जलन करता है, लेकिन यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और मुह के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। *यदि आपके दांतों में पहले से ही कैविटी है,  तो कैविटी के बैक्टीरिया मर जाएंगे । इसलिए, जिस दांत में पहले से ही कैविटी  हैं, इस प्रक्रिया से हम उस दांत  को और अधिक क्षतिग्रस्त होने से बचासकते है* *लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, इसका उपयोग केवल बीमारियों और बैक्टीरिया के लिए किया जाता है*   जब लहसुन को घी या तेल के साथ गर्म किया जाता है, तो यह अपनी सभी लाभकारी क्षमता...

Migraine

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* माइग्रेन* माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए कुछ साधारण घरेलू तरीके हर  मौसम में  सूखे धनिए का दूध पी सकते हैं। इसका असर 1 महीने में होता है। सूखा धनिए का दूध बनाने के लिए  कढ़ाई में  1 चम्मच घी  व 1 चम्‍मच सूखा धनिया पिसा हुआ डाल कर 4-5 मिनट उसे सेक लें। फिर दूध  डालकर 15 मिनट तक उसे उबालें। रोज सुबह इस का सेवन करने से बहुत जल्‍द माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।  धनिया सर दर्द में बहुत लाभदायक है  इसे पंजीरी  या गोंद मेवे के लड्डू के रूप में भी ले सकते हैं फूल मखाने का दूध रोजाना सुबह पीजिए सर दर्द में शर्तिया आराम मिलेगा हल्दी बहुत लाभकारी होती है। इसका सेवन करने से सिरदर्द के साथ ठंड में होने वाले जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है  हफ्ते में दो बार सिर पर देशी घी की मालिश करें। इससे आपको सिरदर्द में बहुत राहत मिलेगी। ☯️

Garlic Marmalade

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* लहसुन का मुरब्बा* सर्दियों में लहसुन बहुत फायदेमंद होता है पर कुछ लोग इसके स्वाद के कारण नहीं खा पाते  उनके लिए मुरब्बा जैम और चाय पेश है लहसुन के मुरब्बे में लहसुन के औषधीय गुण भरपूर होते हैं और मीठा भी। लहसुन के जैम में फफूंदी नहीं लगती. आप इसे ब्रेड पर  लगाकर या फिर रोटी पर रखकर इसका सेवन कर सकते हैं.  रोगी इसका सेवन करेगा, तो  रोग दूर होगा,   स्वस्थ इसका सेवन करेगा। अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु का आनंद उठाएंगे।  लहसुन की एक खुराक 1-2 चम्मच है और इसे दिन में केवल एक बार ही खाना चाहिए।  लहसुन का मुरब्बा खाने वाले को खाने-पीने से परहेज बहुत जरूरी है।  हर साल सर्दियों में नियमित रूप से लहसुन के मुरब्बे का सेवन करने से निम्नलिखित बीमारियों से बचा जा सकता है: स्वास संबंधी रोग - अस्थमा, तपेदिक, खांसी, छींकें, नाक बहना, खर्राटे और सर्दी।  रोगी को प्रतिदिन लहसुन का मुरब्बा खाना चाहिए तथा दिन में 2-3 बार लहसुन की चाय भी पीनी चाहिए   सामग्री- 2 कलियाँ, लहसुन की  2-3 कलियाँ, अदरक कद्दूकस किया हुआ आधा चम्मच, सौंफ- आधा चम्मच...

Honey and Cinnamon

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* शहद और दालचीनी* दालचीनी महज एक मसाला ही नहीं है यह कई बिमारियों में रामबाण औषधि का काम भी करती है दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है।   अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद का लाभदायक है।  हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में दालचीनी सहायक होती है,  यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। यदि प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें  मोटापे को कम करने लिए दालचीनी का सेवन करें   यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता।  इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास पानी में उबालकर उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं।  दालचीनी का गर्म पानी में सेवन जोड़ों के दर्द में तो लाभप्रद है ही, इसके अलावा इस हल्के गर्म  पानी की दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी बिमारियों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम...

Dizziness

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* चक्कर आना* चक्कर आना या सिर घूमना या आंखों के सामने गोल गोल घूमती हुई दिखाई देने वाली स्थिती को चक्कर आना कहते है चक्कर  क्यों आते हैं क्या कारण हैं। माइग्रेन होने पर सिरदर्द से  चक्कर आ सकते हैं। चिंता या तनाव भी चक्कर आ सकता है। ऐसे में सांस लेने  में तकलीफ भी हो सकती है। लो ब्लड प्रेशर के कारण भी  चक्कर आ सकता है। यह आमतौर पर क्यो कि मस्तिष्क में खून उचित मात्रा में नहीं पहुंच पाता है डायबिटीज के मरीजों में विषेश रूप में देखा जाता है काफी देर से बैठे हो और अचानक से उठो, तो रक्त प्रवाह में तेजी से बदलाव आता है, जिस कारण कभी-कभी चक्कर आ सकते हैं। तेज गर्मी में, शरीर में पानी की कमी होने पर या फिर थकान होने पर भी चक्कर आ सकते हैं। चक्कर दूर करने के कुछ घरेलू उपाय  चक्कर से आराम दिलाने के लिए अदरक का सेवन फायदेमंद होता है। यह मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्से तक रक्त प्रवाह को दुरुस्त करता है, जिससे चक्कर की समस्या से छुटकारा मिलता है। चक्कर आने पर आंवले का सेवन लाभदायक होता है  आंवले में विटामिन-ए और विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है।...

Cauliflower

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* फूल गोभी* फूल गोभी केवल सब्जी ही नहीं औषधि भी है जरूरी नहीं गोभी को पका कर ही खाया जाए  गोभी को कच्चा भी खाया जा सकता है,फूलगोभी में  प्रोटीन , फॉस्फोरस, लौह तत्व, पोटैशियम, गंधक, और विटामिन `सी´ आदि तत्व अधिक मात्रा में पाये जाते हैं, गोभी में गंधक एवं क्लोरीन घटकों की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण यह शरीर की गंदगी साफ करने का काम करती है  ,फूलगोभी में गंधक बहुत मिलता है, जो खुजली, कुष्ठ रोग ,चर्म रोग में फायदेमंद होता है फूलगोभी खून को साफ करती है,फूलगोभी में "सलफोराफीन" रसायन पाया जाता है जो सेहत के लिए, ख़ासकर दिल के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद होता है।, गोभी में कुछ ऐसे तत्व एवं घटक हैं, जो मानव में रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाते हैं एवं समय से पहले आने वाली वृद्धावस्था को रोकते हैं,  गोभी में ’’ टारट्रोनिक ‘‘ नामक एसिड होता है, जो चरबी, शर्करा एवं अन्य पदार्थों को इकट्ठा होने से रोकता है,  जिससे मोटापा नहीं बढ़ता ,कब्ज़ में रात को गोभी का रस पीने से लाभ होता है, गोभी खाते रहने से चर्म रोग, गैस, नाख़ून और बालों के रोग नष्ट होते हैं ,गोभी में गंधक एवं क...

Raisins

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*मुनक्का* मुनक्का रोगियों के लिए अमृत समान है इसके नियमित सेवन से शरीर स्वस्थ हष्टपुष्ठ होता है व कमजोरी दूर होती है जानिए इससे लाभ  कब्ज के रोगियों को रात्रि में मुनक्का और सौंफ खाकर सोना से कब्ज दूर होती है     मुनक्काऔर लहसुन को अग्नि पर सेंक कर  सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है व कमर के दर्द में लाभ होता है।     कब्ज़ की शिकायत में शाम के समय 10 मुनक्कों को  एक गिलास दूध में उबाल कर रात को सोते समय इसके बीज निकल कर मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें , कब्जी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी बुखार या किसी भी कारण से भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के  सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर आग पर सेंक कर टिकडी बना कर  खाने से भूख बढ़ती है |   बच्चे  बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक-एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले लगातार दो हफ़्तों तक खिलाने से शर्तिया लाभ होगा |   मुनक्के में लौह तत्व Iron की मात्रा अधिक होने से खून के लाल कण को बढ़ाता ...

Black Mustard

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* काली सरसों*  काली सरसों के इतने फायदे हैं, जिसके मालूम होने  बाद आप भी इस्तेमाल शुरू कर देंगे ये गठिया जैसे जटिल रोगों से लेकर कील मुंहासे जैसे आम रोगो पर भी असरकारक है  इसमें कुछ ऐसे  यौगिकों होते हैं, जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं की वृद्धि को रोकते हैं।  इसमें  फाइबर  होता है, जिससे कब्ज और एसिडिटी जैसी परेशानियां दूर हो जाती है। काली सरसों कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है  एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होने से इस के तेल से मालिश करने पर गठिया, जोड़ों, मांसपेशियों में सूजन व दर्द दूर होते है। काली सरसों में सेलेनियम तत्व होने से इसका सेवन हड्डियों व दांतों के लिए काफी फायदेमंद है साथ ही  बालों व नाखूनों को भी मजबूती देता   काली सरसों का सेवन करने से सिरदर्द और तनाव से छुटकारा मिलता है। और इसके तेल से मालिश करने पर बाल लंबे, घने व मजबूत होते हैं। काली सरसों का पैक बनाकर लगाने से त्वचा में ग्लो आता है साथ ही इससे पिंपल्स, मुहांसो...

DATES

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* छुआरा**/*खजूर* छुआरा यानी खजूर ताजा फल को खजूर और सूखेफल को छुआरा कहते हैं पर गुण दोनों अवस्था में समान ही रहते हैं जानिए कुछ फयदे खून की कमी को  दूर,करता है यह वह फल है जो तुरंत शक्ति देता है कमजोरी की हालत में रात को सोते समय छुआरा दूध में उबालकर कर लेने से जल्द ही कमजोरी दूर होती है   जोड़ों में दर्द होने पर प्रतिदिन कुछ खजूर खाने  से फायदा होता है। क्यो कि छुआरा  कैल्शियम की कमी  पूरा को पूरा करता है मैग्नीशियम, कॉपर, मैंगनीज, विटामिन बी 5, विटामिन बी 3 और सेलेनियम से भरपूर होने के कारण यह हड्ड‍ियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है, और आंतों के संक्रमण से बचाता है।   खजूर को रातभर भिगोकर  खाएं। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो कब्जी को दूर करते हैं। आंखों के लिए खजूर बहुत अच्छा होता है। इसमें विटामिन ए और एंटी ऑक्‍सीडेंट तत्‍व भरपूर मात्रा पाए जाते हैं, जो कि रतौंधी एवं आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते है। दिल और दिमाग दोनों के ही लिए खजूर काफी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य ...

BANYAN TREE

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* बरगद*  वट वृक्ष एक पूज्यनीय पेड़ है इसे यों ही नहीं पूजते यह गुणों से भरपूर है  जानिए  बिवाई की फटी हुई दरारों पर बरगद का दूध भरकर मालिश करने से कुछ ही दिनों मे ठीक हो जाती है। जले हुए स्थान पर बरगद की कोपल या कोमल पत्तों को दही में पीसकर लगाने से जलन कम हो जाती है।  बरगद के कड़े हरे शुष्क पत्तों को दरदरा पाउडर बना लें  दो चम्मच पावडर को 1 किलो पानी में उबालें चौथाई बच जाने पर इसमें 1 ग्राम नमक मिलाकर सुबह-शाम पीने से हर समय आलस्य  आना कम हो जाता है। बरगद की जटा के 5 ग्राम अकुंरों को पानी में घोटकर और छानकर पिलाने से खून की उल्टी नहीं होती है।  बरगद की पेड़ की टहनी या इसकी शाखाओं से निकलने वाली जड़ की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं  गठिया के दर्द में बरगद के दूध में अलसी का तेल मिलाकर मालिश करने से लाभ मिलता है दमा के रोगी को बड़ के पत्ते जलाकर उसकी राख लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग पान में रखकर खा से लाभ मिलता है। ☯️

Diseases of Urine

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* पेशाब के रोग* पेशाब के रोगों से परेशानियों से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपाय ठंडी प्रकृति वाले रोगी को आधा चम्मच पिसी हुई अजवायन को शहद के साथ और  गर्म प्रकृति वाले को आधा चम्मच पिसी हुई अजवायन सिरके के साथ देने से बंद पेशाब आने लग जाता है। 1-1 ग्राम राई और कलमीशोरा को पीसकर इसमें 2 ग्राम देशी शक्कर को मिलाकर हर 2-2 घंटे के बाद 2-2 ग्राम की मात्रा में पीने से बंद पेशाब खुल जाता है। पीपल, कालीमिर्च, छोटी इलायची और सेंधानमक सभी सम मात्रा में  पीसकर और छानकर इसमे से आधा चम्मच चूर्ण को शहद में मिलाकर रोगी को देने से पेशाब बंद होने का रोग दूर हो जाता है। 1 छोटा चम्मच एरंड का तेल बच्चे को पिलाने से बच्चे का बंद पेशाब खुल जाता है। 4 ग्राम सज्जीखार को पीसकर छाछ में मिलाकर पीने से बंद पेशाब खुल जाता है। गोपी चन्दन को पीसकर नाभि पर लेप करने से पेशाब बंद होने का रोग दूर हो जाता है। 5 ग्राम जौखार को 2 गिलास छाछ के साथ मिलाकर पीने से पेशाब बंद होने का रोग ठीक हो जाता है। ढाक के फूलों को काफी गर्म पानी में डालकर निकाल लें। इस गर्म-गर्म ही नाभि के नीचे बांधने से पेशाब खुलकर आने...

Acidity

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* एसिडिटी * एसिडिटी का बिल्कुल सरल और सीधा घरेलू उपचार अदरक और परवल को कद्दूकस करके पानी में मिलाकर उबाल लीजिये   पीने लायक होने पर सुबह-शाम पीने से एसिडिटी से छुटकारा मिलता है दूध में मुनक्का डालकर उबाले  फिर दूध को ठंडा करके पीने से एसिडिटी ठीक होती है  मुलेठी  एसिडिटी में बहुत लाभदायक होती है  इसे पाउडर या  काढ़ा किसी भी रूप में ले  एसिडिटी में फायदा होता है।  त्रिफला  को दूध के साथ पीने से एसिडिटी समाप्त होकर  पेट की जलन शांत होती है। शाह जीरा को पानी में उबालकर कर गुनगुना   गुनगुना दिन में तीन बार  पीने से एसिडिटी काबू में आ जाती ह एसिडीटी में आंवले का उपयोग करना भी लाभदायक होता है। ☯️

HEAR FALL

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* बाल झड़ना* आज कल के खान-पान और दिखावे की जीवनशैली में बालों का झड़ना आम समस्या है इस समस्या से छुटकारा पाने के कई उपाय हो सकते हैं।    *कुछ घरेलू उपाय*  बालों में नारियल तेल लगाएं और नींबू का रस मिलाकर मालिश करें। आंवला और शिकाकाई को पानी में उबालकर बालों को धोएं।  बालों में बादाम तेल लगाएं और मालिश करें। एलोवेरा जेल को बालों में लगाएं और मालिश करें।  विटामिन ई कैप्सूल को बालों में लगाएं और मालिश करें।  बालों में भृंगराज तेल लगाएं और मालिश करें।  आंवला चूर्ण को पानी में मिलाकर बालों को धोएं।  शिकाकाई चूर्ण को पानी में मिलाकर बालों को धोएं।  त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर बालों को धोएं। *खान-पान*  विटामिन बी कॉम्प्लेक्स  विटामिन सी ओमेगा-3 फैटी एसिड  जिंक व आयरन डॉक्टर की सलाह से ले  *कोई भी दवा लेने से पहले डाक्टर से सलाह अवश्य लें* ☯️

Arjun ki Chahal

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* अर्जुन की छाल* हृदय रोगियों के लिए सस्ता व निरापद उपाय अर्जुन  की  छाल का 2/3 ग्राम पावडर आधा ग्लास गरम पानी में मिलाकर उबाल ले, और खूब उबालने के बाद इसको चाय की तरह पी ले। इसमें स्वाद के लिए शकर आदि मिला सकते हैं ये हाई BP को  कोलेस्ट्रोल को  ट्राईग्लिसाराईड को ठीक करके मोटापा भी कम करेगा हार्ट की नसों में  ब्लोकेज  को भी ठीक कर देती है अर्जुन की छाल ।  दिल कमजोर है तो रोजाना अर्जुन की छाल लीजिये  दिल बहुत मजबूत हो जायेगा बढ़ा हुआ  ESR  ठीक होगा। अर्जुन की छाल  ह्रदय  रोगों में रामबाण है  ☯️

HONEY

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* शहद*          शहद में कई लाभकारी गुण होते हैं, जो त्वचा और बालों की देखभाल करते हैं  शहद से सौंदर्य  और उसकी देखभाल  शहद में प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र होता है, जो त्वचा को गहराई से नमी प्रदान करता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण त्वचा को निखारते हैं और झुर्रियों को कम करते हैं। शहद को चेहरे पर सीधा  या दही या नींबू के रस के साथ मिलाकर मास्क के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद का प्राकृतिक नमी और हीलिंग गुण फटे होंठों को ठीक करता है। शहद आधारित लिप बाम को नियमित रूप से लगाने से होंठों की नमी बनी रहती है।  शहद बालों को नमी प्रदान करता है और उन्हें मुलायम और चमकदार बनाता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को साफ और स्वस्थ रखते है शहद आधारित शैंपू और कंडीशनर बालों की गहराई से सफाई और कंडीशनिंग करते हैं। शहद में प्राकृतिक एंजाइम्स होते हैं जो मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं। यह त्वचा को नरम और चमकदार बनाता है।शहद और चीनी को मिलाकर एक प्रभावी बॉडी स्क्रब बनाया जा सकता है, जो त्वचा को स्वस्थ करता है। शहद में एंटीऑक्सिडे...

Face Pack

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* नीम और दही* नीम जाना-माना डाक्टर है इसके नियमित प्रयोग से कई तरह की समस्यायों से छुटकारा मिलता है आज आप को इसके एक और गुण के बारे में जानकारी देते हैं नीम और दही के संयोग से  एक ऐसा फैस पैक बनेगा जिसके लगाने से चमकेगा चेहरा,और  चेहरे की कई समस्यायों से फायदे मिलेंगे नीम और दही मिक्स करके चहरे पर लगाने से चेहरे की स्किन मजबूत होकर उसकी ग्लो बढ़ती है।नीम  एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल  होती है। इसे हफ्ते में 2 या 3बार दही के साथ लगाने से कई चेहरे की कई  समस्या दूर होती है।  *इसे बनाने के लिए दो चम्मच नीम की पत्तियों की चटनी में एक चम्मच दही मिलाऐ*।  इससे  स्किन की चमक बढ़ती है   इस फेस पैक में पर्याप्त मात्रा में विटामिनऔर न्यूट्रिएन्ट्स होते हैं जो आपके चेहरे की त्वचा को जरूरी पोषण देते हैं। इससे त्वचा की चमक दमक बढ़ती है। नीम और दही के फेस पैक से स्किन के बैक्टीरिया खत्म होते हैं जिस से मुहांसे की समस्यायों से छुटकारा मिलेगा   नीम और दही के फेस पैक में मौजूद तत्व चेहरे की त्वचा को साफ करके  ब्लैक हेड्स से छुटकारा दि...

Ear Problem

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* कान में छेद और पस निकलना* कान में से पानी पड़ना पस ‌पडना  एक गंभीर समस्या है जिसके लिए तुरंत डॉक्टर को दिखलाना चाहिए।  डॉक्टर की सलाह के बिना कान में तेल डालना खतरनाक हो सकता है,  कान में  तेल डालने से संक्रमण बढ़ सकता है पस का निकास रुक सकता है कान की नसें खराब हो सकती हैं कान में कोई भी समस्या हो तो  ईएनटी (कान, नाक, गला) विशेषज्ञ से संपर्क करें और समस्या की जांच कराएं।  डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक दवाएं लें जो संक्रमण को कम करने में मदद करेंगी। डॉक्टर द्वारा बतलाए गए तरीके से कान की सफाई करें।  डॉक्टर द्वारा लिखी  गई दर्द निवारण दवाएं लें।  कान को साफ और सूखा रखें, और कान में कोई वस्तु न डालें। *कुछ उपाय जो आपको दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं*  कान के बाहर गर्म सिकाई करें। किसी प्रकार की चिंता फिकर नहीं करें और  आराम करें  अधिक पानी पिएं ताकि शरीर में तरल पदार्थ की कमी न हो। *लेकिन, याद रखें कि ये उपाय केवल  दर्द से आराम दिलाने के लिए हैं, बिमारी का उपचार केवल डाक्टर ही के पास है ☯️

FISTULA

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FISTULA  * भगंदर  फिशर या फिस्टुल या  भगंदर एक दर्दनाक और पीड़ादायक बिमारी है जिसमें गुदा के पास एक छोटा सा छेद होता है जो मल के निकलने के लिए बन जाता है।     यहाँ कुछ उपचार हैं जो आपको भगंदर से आराम दिला सकते हैं:   गर्म पानी से स्नान करने से भगंदर में दर्द और सूजन कम हो कर आराम मिलता है।  आइस पैक लगाने से भगंदर में सूजन और दर्द कम हो  कर  राहत मिलती है।  तुलसी का रस भगंदर में दर्द और सूजन कम करने में मदद करता है।  नारियल का तेल भगंदर में दर्द और सूजन कम करने में मदद करता है।  दर्द निवारक दवाएं और एंटीबायोटिक्स  दर्द दूर कर सकती     लेकिन   भगंदर के मामलों में, सर्जरी आवश्यक हो सकती है।  सात्त्विक आहार लेने से भगंदर में दर्द और सूजन कम हो सकती है। नियमित व्यायाम करने से भगंदर में दर्द और सूजन कम होती है  तनाव कम करने से भगंदर में दर्द और सूजन कम हो सकती है। *भगंदर का उपचार डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए*  कुछ पारंपरिक उपचार हरीतकी का चूर्ण 1 चम्मच दिन में दो बार लें। त्रिफला चूर्ण 1 चम्...

DENGUE

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* डेंगू* शहर में मच्छरों की भरमार से कई बिमारियां फैल रही है  डेंगू एक खतरनाक बामारी है अगर समय रहते इसका उपचार नहीं करवाया तो ये जानलेवा हो सकती है डेंगू बुखार फैल रहा है। इससे बचाव के लिए  नारियल का तेल घुटनों से लेकर पैर की उंगलियों तक लगाएं। यह सुबह से लेकर रात तक एंटीबायोटिक परत की तरह काम करता है।  डेंगू का मच्छर घुटने की ऊंचाई से ऊपर नहीं उड़ सकता।  डेंगू से पीड़ित को  छोटी  हरी इलायची के दानों को मुंह के दोनों तरफ रखें, ध्यान रखें कि इन्हें चबाएं नहीं। इसे खाली मुंह में रखने से रक्त कोशिकाएं सामान्य हो जाती हैं और प्लेटलेट्स तुरंत बढ़ जाते है एक ऐसी दवा है जो डेंगू रोगी को 48 घंटे में ठीक कर सकती है  यदि किसी को डेंगू या सामान्य बुखार के कारण प्लेटलेट्स कम हो गए हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें  ☯️

Blockage

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* ब्लॉकेज*    आज कल के खान-पान में दिखावा ज्यादा और पोष्टिकता घट गई है परिणाम बिमारियों घेरने लगी है  बहुत छोटी छोटी उम्र में हृदयाघात होने लगे हैं कारण *ब्लोकेज* इन से छुटकारा पाने के लिए  लौकी का 200 ग्राम रस छिलके सहित   इसमे 7-8 पत्ते पुदीने के ,  7-8 पत्ते तुलसी के , 4- 5 काली मिर्च का पावडर,  एक चुटकी सेंधानमक , रोज सुबह खाली पेट ले आधा घंटा कुछ भी नही खाए   15 से 30 दिन लेने के बाद बंद कर दे 3 - 4 महीने बाद फिर लौकी का रस दुबारा ले  सभी तरह के ब्लॉकेज खत्म हो जायेगे  ध्यान रहे  लौकी ताजी हो एव मुलायम हो, कड़वी न हो रसायनों द्वारा उपचारित नहीं हो  लौकी का रस निकालते समय लौकी को चखकर देखे, लौकी बिल्कुल कड़वी नही होनी चाहिये, कड़वी जहरीली होती है ☯️

COUGH

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* खांसी* खांसी की परेशानी से बचने के लिए ये देसी घरेलू नुस्खे आजमाए  अदरक के टुकड़ों को शहद के साथ मिलाकर चबाएं।   अदरक का रस निकालकर उसमें शहद की कुछ बूंदे मिलाकर पीऐ शिध्र ही फायदा होगा  रात को सोने से पहले 1 चम्मच शहद पिएं। इसकी एंटी-बैक्टीरियल तत्व खांसी से जल्द राहत दिलाता है।  रात को एक गिलास हल्दी वाला दूध पीने से खांसी में आराम मिलता है  पानी में हल्दी, अजवाइन, काली मिर्च, दालचीनी और नमक एक साथ उबालें और हल्का गुनगुना होने पर इसे पिएं।  हल्दी का एंटी-बैक्टीरियल गुण बहुत जल्द आराम दिलाता है।    लहसुन की कलियों को दूध या पानी में उबालकर  पीएं खांसी ज़ुकाम में ये बहुत फायदेमंद है।   इसमें स्वादानुसार शक्कर मिलाई जा सकती है।   तुलसी के पत्ते बीमारियों को दूर करते हैं। खांसी के साथ ही सर्दी-जुकाम भी हो तो लहसुन, अदरक, काली मिर्च, अजवाइन और तुलसी की पत्तियों को एक साथ उबालकर इसका काढ़ा बनाएं।   रात में सोते समय सुहाता सुहाता  गर्म पीकर सो जाए बहुत ही असरदार इलाज है। ☯️

Low B.P

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* लोब्लड प्रेशर*  कम रक्तचाप होने पर चक्कर आना, हाथ-पैरों में ठंड लगना आम बात हैं।इस  से राहत पाने के कुछ उपाय आराम करें: सबसे पहले एक शांत जगह पर लेट जाएं और अपने पैरों के नीचे एक तकिया लगाये   नमक वाला पानी पीये  संतरा, नींबू जैसे खट्टे फल खाये या इनका रस पीये चाय या कॉफी पीएं लोब्लड प्रेशर से  राहत पाने के कुछ आसान उपाय स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, दालें, अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को अपने भोजन में शामिल करें।  दिन भर में पर्याप्त पानी पीते रहें कम से कम 3 से 4 लीटर रोजाना  डॉक्टर की सलाह से नियमित व्यायाम करें। तनाव कम करें फालतू नहीं सोचें चिंता फिकर नहीं करें *लो बीपी के कारण* मूत्र वर्धक दवाऐ  दिल की बीमारिया लंबे समय तक खड़े रहने से भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। अगर आपको बार-बार चक्कर आ रहे हों  बेहोशी आ रही हो  सांस लेने में तकलीफ हो रही हो छाती में दर्द हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं देरी जानलेवा हो सकती है यह लेख केवल जानकारी और सावधानी बरतने के लिए है   दर्द की अवस्था में डाक्टर को तुरंत दिखाऐ...

Dental Pawder

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* दंत मंजन* आजकल विज्ञापन के चक्कर में हम नये नये टूथपेस्ट और टूथपाउडर काम में लेते हैं नतीजा दांतों का सड़ना हिलना व और भी कई तरह के नुक़सान   इन सब से बचाव के लिए सस्ता और कारगर देशी दन्तमंजन  दो चम्मच हल्दी पाउडर, घर में पिसी हुई  एक चम्मच सेंधा नमक,  आधी चम्मच फिटकरी का पाउडर,  चार लौंग का जला हुआ पाउडर और  सरसों का तेल मिलाकर  चम्मच से घोंटकर शीशी में रख लीजीए अगर पतला हो जाए तो एक चम्मच हल्दी का पाउडर और मिला लिजीए   ध्यान रहे कि गीले हाथ नहीं लगे ना ही पानी की एक भी बूंद गिरे  अन्यथा खराब हो जाएगा  आवश्यकता अनुसार  इस में आप  बादाम के छिलको की राख  गोबर के कंडों की राख  गिलोय नीम आदि का पाउडर भी मिला सकते हैं   अंगुली में लेकर हल्के से दांतों और मसूड़ों पर मालिश करे  कुछ ही दिनों में आपके दांत मजबूत हो जाएगे  हमारे दांतों पर प्राकृतिक रूप से इनामल की कोटींग होती हैं वह भी ठीक हो जाएगी   एक अनुरोध दस से पंद्रह दिनों तक इस मंजन को उपयोग करके देखें मेरा विश्वास है आपके दां...

Starfruit

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* कमरख*      *starfruit*   कमरख   वह फल है। जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए जाना जाता है  कमरख का प्रयोग औषधि के रूप  में भी किया जाता है।  कई आयुर्वेदिक ग्रन्थों में कमरख का वर्णन कर्मरंग नाम से देखने को मिलता  है।  कमरख के सेवन से कफ-वात, पित्त विकार को ठीक किया जा सकता है। कमरख भूख जगाने वाला और रुचिकारक फल है उल्टी और दस्त होने की हालत में कमरख के फल बेहद लाभदायक होते हैं। इनके सेवन से अत्यधिक प्यास लगना भी रुकता है।  कमरख के फल का 5 से 10 मिली रस का सेवन करने से खूनी पेचिश की बीमारी ठीक होती है। खूनी बवासीर के मरीज को कमरख  का 5 से 10 मिली रस रोजाना पिलाने से खूनी बवासीर में लाभ होता है। रस नहीं हो तो 1 या 2  कमरख को रोज खाने से भी खून आना बंद हो जाता है। विटामिन सी की कम होने की स्थिति में कमरख रामबाण औषधि है    स्कर्वी  विटामिन C की कमी से होती है   स्कर्वी से पीड़ित व्यक्ति को खून की कमी, अपंगता, लगातार खून बहना, इत्यादि समस्याएं आती हैं। रोगी को कमरख  के पके हुए फल ...

Vitamin

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* विटामिन* विटामिन हमारे शरीर के पोषण के लिए आवश्यक है  ये स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ये हमारे भोजन का  सार  है (Extract ) विटामिन्स  हमारे शरीर की विभिन्न क्रियाओं को सुचारु रूप से चलाने में मदद करते हैं। विटामिन की कमी से होने से हमारे शरीर में कई तरह के रोग हो सकते हैं जानिए किस विटामिन की कमी से कौन कौन से रोग हो सकते हैं  *विटामिन  ए A*की कमी से शरीर की वृद्धि रुकना रतौंधी संक्रमण की संभावना त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन विटामिन बी1 की कमी से शरीर की वृद्धि रुकना भूख और वजन कम होना तंत्रिका विकास              थकान बदहजमी विटामिन बी2 की कमी से वृद्धि रुकना धुंधली दृष्टि जीभ पर छाले असमय बुढ़ापा विटामिन बी3 की कमी से जीभ का चिकनापन त्वचा पर फोड़े-फुंसी पाचन क्रिया में गड़बड़ी मानसिक विकार विटामिन बी5 की कमी से मांसपेशियों में लकवा व पैरों में जलन विटामिन बी6 की कमी से त्वचा रोग मस्तिष्क का ठीक से काम न करन* शरीर का भार कम होना अनीमिया खून की कमी विटामिन बी7 की कमी से लकवा शरीर में दर्द बालों का गिरना वृ...