BANYAN TREE

*बरगद*




 वट वृक्ष एक पूज्यनीय पेड़ है इसे यों ही नहीं पूजते यह गुणों से भरपूर है  जानिए

 बिवाई की फटी हुई दरारों पर बरगद का दूध भरकर मालिश करने से कुछ ही दिनों मे ठीक हो जाती है।

जले हुए स्थान पर बरगद की कोपल या कोमल पत्तों को दही में पीसकर लगाने से जलन कम हो जाती है।

 बरगद के कड़े हरे शुष्क पत्तों को दरदरा पाउडर बना लें  दो चम्मच पावडर को 1 किलो पानी में उबालें चौथाई बच जाने पर इसमें 1 ग्राम नमक मिलाकर सुबह-शाम पीने से हर समय आलस्य  आना कम हो जाता है।

बरगद की जटा के 5 ग्राम अकुंरों को पानी में घोटकर और छानकर पिलाने से खून की उल्टी नहीं होती है।

 बरगद की पेड़ की टहनी या इसकी शाखाओं से निकलने वाली जड़ की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं

 गठिया के दर्द में बरगद के दूध में अलसी का तेल मिलाकर मालिश करने से लाभ मिलता है

दमा के रोगी को बड़ के पत्ते जलाकर उसकी राख लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग पान में रखकर खा से लाभ मिलता है।

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