Posts

Showing posts from March, 2025

Water at the end of the Meals

Image
* भोजन के अंत में पानी*   ऐसा कह गया है कि अपच की अवस्था में पानी औषध के समान होता है । भोजन पचने के बाद की अवस्था में पानी बल प्रदान करता है तो भोजन के बीच में घूंट भर थोड़ा सा जल अमृत के समान होता है ,जबकि भोजन के बाद में पिया हुआ पानी जहर के समान होता है।      भोजन करने के बाद हमारे पेट के जठर में जाकर खाना पचने की प्रक्रिया शुरू करता है  इसको हम आमाशय कहते हैं। जब भूख लगती है तब वास्तव में आमाशय में वो अग्नि ही हमे संकेत देती है जब अच्छी भूख लगती है तो कैसा भी भोजन कर लिया जाए बहुत मीठा भी लगता है और  पच भी जाता है। जठर की अग्नि भोजन के एक घंटे बाद तक प्रदीप्त रहती हैं।     हमारी पुरानी बोली में इसको जठराग्नि  कहते हैं।     तब जठराग्नि अपनी प्रक्रिया 1 घंटे में आराम से चला कर भोजन से प्राप्त मात्रा में आहार रस हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को भेजता है ।अब अगर जठराग्नि की चलती हुई प्रक्रिया के ऊपर हमने लोटा भरकर ठंडा पानी डाल दिया तो पेट की अग्नि बुझ जाएगी। जिसके चलते भोजन के उत्तम पाचन की प्रक्रिया तो एकदम रू...

Psoriasis

Image
* सोरायसिस* सोरायसिस त्वचा से जुड़ी ऑटोइम्यून डिजीज है। इस रोग में त्वचा पर कोशिकाएं तेजी से जमा होने लगती हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं के कम होने के कारण त्वचा की परत सामान्य से अधिक तेजी से बनने लगती है, जिसमें घाव बन जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। बीमारी के बढ़ जाने पर लाल चकत्ते से खून निकल सकता है। कभी-कभी इसमें सूजन भी हो जाती है। यह मानसिक विकार भी उत्पन्न कर सकती है हल्दी और गुलाब जल का लेप बना लें। इसे रोज सुबह-शाम लगाएं। इससे सोरायसिस जल्दी ठीक होता है। यह एक फायदेमंद नुस्खा है। फिटकरी के पानी से नहाएं। इससे सोरियासिस से होने वाली खुजली और रूखापन दूर होता है। इसके लिए नहाने के पानी में 100ग्राम फिटकरी डाल लें। 15 मिनट तक पानी में प्रभावित अंग को डुबाएं रखें। एलोवेरा के ताजे पत्ते का गूदा निकालकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। आपको हल्के हाथों से मालिश करना है। रोज ऐसा करने से खुजली से आराम मिलता है।  नीम का तेल पोषक तत्वों से भरपूर है और उसका उपयोग कई प्रकार के लोशन, क्रीम, साबुन व प्रसाधन सामग्रियों में होता है। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जिन्ह...

Ankurit Anaj

Image
* अंकुरित अनाज* किसी भी अनाज, गिरी तथा बीज आदि को अंकुरित करने का एक सीधा-सा तरीका है- इसके लिए अनाज को 12 घंटे तक पानी में भिगोने के बाद छानकर एक कपड़े में बांध लें अंकुरित अनाजों को कच्चा ही खाना चाहिए  अंकुरित आहार लेने के फायदे इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें वेस्टेज नहीं होता जिसके कारण उसे निकालने के लिए शरीर को अनावश्यक एनर्जी नहीं लगानी पड़ती। शरीर में वेस्टेज न होने से एनर्जी शरीर की सफाई में लग जाती है जिससे सारे शरीर की सफाई हो जाती है। इससे रोग पैदा होने का जो भी कारण है वह शरीर से बाहर निकल जाता है। किसी को हार्ट ब्लॉकेज है तो उसको पूर्ण रूप से नैचुरल डाईट पर डाल दें। इससे उसके हार्ट की सारी ब्लॉकेज खुल जाएगी।  किडनी प्रॉब्लम में क्या होता है कि जब 50 या 60 प्रतिशत किडनी खराब हो चुकी होती है तब उसके बारे में पता लग पाता है और जब टैस्ट करवाया जाता है तो पता चलता है कि 20 या 30 प्रतिशत ही किडनी काम कर रही है। इस प्रॉब्लम का ट्रीटमेंट प्राकृतिक चिकित्सा से करें और नैचुरल डाईट लें। इससे शरीर में बाहर से कोई वेस्टेज नहीं जाएगा जिससे किडनी का कार्य कम हो...

Ginger & Honey

Image
* अदरक और शहद*   अदरक और शहद  का मिश्रण बहुत लाभदायक होता है जानिए अदरक और शहद का मिश्रण सर्दी, जुकाम और खांसी में राहत प्रदान करता है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।  अदरक और शहद ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अदरक रक्त वाहिकाओं को फैलाता है, जिससे रक्तचाप कम होता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। अदरक और शहद पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। अदरक में पाचक एंजाइम होते हैं, जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। शहद पेट की गैस और एसिडिटी को कम करता है। अदरक और शहद एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। अदरक में एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं, जो हिस्टामाइन के उत्पादन को कम करते हैं। शहद गले की खराश और खांसी को शांत करता है। अदरक और शहद इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मद...

Home Remedies for Comman Ailments

Image
* साधारण रोगों के घरेलू नुस्खे* छोटी मोटी बिमारियों में डाक्टर के पास भागने से बचने के कुछ घरेलू उपाय  कांच या कंकर खाने में आने पर ईसबगोल भूसी गरम दूध के साथ तीन समय सेवन करें। घाव न पके, इसलिए गरम मलाई (जितनी गरम सहन कर सकें) बांधें।  तुतलापन दूर करने के लिए रात को सोने से पांच मिनट पूर्व ऐक  दो ग्राम भुनी फिटकरी मुंह में रखें। बच्चों का पेट दर्द होने पर अदरक का रस, पांच ग्राम तुलसी पत्र घोटकर, औटाकर बच्चों को तीन बार पिलाए आमाशय का दर्द तुलसी पत्र को चाय की तरह औटाकर सुबह-सुबह लेना लाभदायक। सीने में जलन हो तो एक गिलास ठंडे जल में नीबू निचोड़कर सेवन करें। शराब ज्यादा पी ली हो तो एक माशा फिटकरी को पानी/दूध में मिलाकर पिला दें या दो सेबों का रस पिला दें। अरहर के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा कम हो जाता है। अरहर दाल पानी में उबालकर उसका पानी पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है। केला हजम करने के लिए दो छोटी इलायची काफी होती है।  आम ज्यादा खा लिए हों तो हजम करने के लिए थोड़ा सा नमक सेवन कीजिए।  मुंह से बदबू आने पर मोटे अनार का छिलका पानी में उबालकर क...

Motion Sicknes

Image
* यात्रा में उल्टी* *यात्रा के दौरान उल्टी आती है तो ये उपाय. करे..                             अगर आप कार या बस से यात्रा करते हैं तो आपको मतली आने लगती है।  उल्टी से पहले लोगों को अक्सर मतली और सीने में जलन महसूस होती है।  लेकिन यदि आप निम्नलिखित उपाय अपनाएं तो उल्टी को अवश्य रोक सकते हैं।  अदरक खाने से उल्टी बंद हो जाती है।  अदरक को पानी में हल्का गर्म करके भी पी सकते हैं।      नींबू चूसने से उल्टी बंद हो जाती है।    एक कप गर्म पानी में एक चम्मच लौंग उबालें, छानकर पी लें।  इससे यात्रा के दौरान होने वाली उल्टी से राहत मिलती है।    उल्टी हो रही हो तो पानी या नींबू पानी पीएं।  लेकिन इस को पानी घूंट घूंट करके पियें, एक बार में बहुत सारा पानी पीने से उल्टी बढ़ सकती है।   गहरी साँस लें और कुछ अच्छे पलों के बारे में सोचने की कोशिश करें।  यदि आपको यात्रा के दौरान मतली का अनुभव होता है तो यह विधि बहुत प्रभावी है।  संतरे का रस पीने या...

Cumin & Obesity

Image
* जीरा और मोटापा*  दो बड़े चम्मच जीरा रात को एक गिलास पानी में भिगो दे और सुबह इसे उबालकर चाय की तरह पीये और बचे हुए जीरे को भी चबाले इसका रोजाना सेवन करने से वजन कम करने में  मदद मिलती है एक बड़ा चम्म्च दही में यदि हम एक चम्म्च जीरा पाउडर डाल इसका रोजाना सेवन करने से भी हम वजन कम कर सकते है    आधा चम्मच जीरा पानी में डाल कर मिलाये और थोड़ा शहद डालकर पीयेंं ऐसा दिन में दो बार  करने से वजन कम होता है    200 ग्राम दानामेथी, 100 ग्राम अजवायन, 50 ग्राम काला जीरा  हल्का सा भून लेंं और पीसकर चूर्ण बनालेंं और रात को सोते समय गरम पानी से ले यह  वजन कम करने में बहुत सहायक होता है     जीरा वजन घटाने के साथ-साथ कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है जैसे कोलेस्ट्रोल को रोकता है साथ ही पेट की भी कई समस्योंं को काम करता है जैसे गैस बनना व पेट फूलना आदि ☯️

Mint Leaves

Image
* पुदीना* पुदीना खुशबू, स्‍वाद और ताजगी भरने के लिए जाना जाता हो और शरीर को अंदर और बाहर से ठंडा रखता है।  इससे न केवल ताजगी मिलती है बल्कि सेहत और सौंदर्य को भी सुधारा जा सकता है।  पुदीने की पत्तियों में कई ऐसे गुण होते हैं जो हैल्थ से जुड़ी कई प्रॉबल्म से राहत दिलाने के साथ-साथ चेहरे की चमक व रंगत को निखारने का काम करते है।  पुदीना में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट व विटामिन A आंखों की रोशनी को बरकरार व नाइट विजन जैसी समस्याओ से छुटकारा दिलाता है।  और ऑक्सीडेटिव तनाव से दूर रखते हैं। पुदीना पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने में मदद करता है‌ पेट खराब हो तो 1 कप पुदीने की चाय पीने से राहत मिलेगी। दरअसल, पुदीने की खुशबू मुंह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करती हैं जो पाचन एंजाइम को निकालने का कार्य करती हैं पुदीना  पाचन एंजाइमों को प्रेरित करता है जो खाने में मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं, साथ ही वसा के रूप में एकत्रित चर्बी को इस्तेमाल करने योग्य ऊर्जा में बदलते हैं। इसलिए पुदीने की चटनी या इसकी ड्रिंक पीने से वजन को कंट्रोल में किया जा सकता हैं। अस्थमा की प्रॉब...

Constipation &Gas

Image
* गैस और कब्ज* गैस और कब्ज की समस्या के लिए कई घरेलू उपाय हो सकते हैं।  कुछ घरेलू उपाय फाइबर युक्त आहार जैसे कि फल, सब्जियां, साबुत अनाज और मेवे का सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  पानी का सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  दही और छाछ का सेवन करने से गैस और कब्ज की समस्या कम हो सकती है। अजवाइन और हींग का सेवन करने से गैस और कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  हरीतकी  या हरड़ चूर्ण का सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  अमलकी चूर्ण का सेवन करने से कब्ज की समस्या कम हो सकती है। पुदीना और अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीने से गैस और कब्ज की समस्या कम हो सकती है।  नियमित व्यायाम करने से पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। ☯️

Scalp Pruritus

Image
* सर में खुजली* सर में खुजली और दाने होना एक आम समस्या है जो,स्कैल्प की सूखापन, डैंड्रफ, एलर्जी या फंगल संक्रमण आदि कारणों से हो सकती है   इस समस्या से छुटकारा  दिलाने के कुछ उपाय  नियमित रूप से अपने बालों को शैम्पू से धोएं। शैम्पू का चयन अपने बालों के प्रकार के अनुसार करें। शैम्पू करने के बाद कंडीशनर का उपयोग करें ताकि आपके बाल नरम और मुलायम रहें। नारियल तेल या जैतून के तेल से अपने स्कैल्प की मालिश करें। तेल को अपने स्कैल्प पर लगाकर 30 मिनट तक छोड़ दें और फिर शैम्पू से धो लें। स्कैल्प पर एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं। नींबू के रस और शहद को मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं। 10-15 मिनट तक छोड़ दें और फिर शैम्पू से धो लें।- आप अपने स्कैल्प पर टी ट्री ऑयल भी लगा सकते है अपने आहार में विटामिन बी और विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें अखरोट खायें पर्याप्त पानी पिएं ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहे। घरेलू उपचारों से कोई फायदा नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर परामर्श लें। ☯️

Castor

Image
* अरंडी* अरंडी एक चलता फिरता डाक्टर है  अरण्डी के पौधे गांव में कहीं पर भी उगे हुए देखे जा सकते है  गुणों से भरपूर अरंडी के बारे में कुछ जानकारी  अरंडी के तेल में पाए जाने वाले गुणों की वजह से यह स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों में फायदा करता है।  अरंडी के तेल के फायदे  अरण्डी का आयल और नारियल के तेल की कुछ बुँदे ले और इसे चेहरे के काले धब्बो पर लगाए इससे काले धब्बे मिट जाएंगे। गठिया रोगी व्यक्ति की अरंडी के तेल से मालिश करने पर दर्द में आराम मिलता हैं।      और  यह यह दर्द-निवारक के रूप में काम करता है। कब्ज के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग आधा चम्मच तेल एक कप गर्म दूध में मिलाकर पियें। इससे कब्ज दूर होगा। इस तेल को बालों की सुंदरता और बालों की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है। बालों में अरंडी का तेल लगाने से बाल चमकदार, लम्बे, घने होते है। और डैंड्रफ भी खत्म हो जाता है। हरे अरंड की 20से 50 ग्राम जड़ ले इसे धोकर कूट ले।200 मिली पानी में पका ले। 50 मिली रह जाने पर इसका सेवन करे इससे पेट की चर्बी कम होगी 20 से 30 मिली अरंड के पत्ते का काढ़ा ब...

GULAR

Image
* गूलर* *परम्परागत एवं आयुर्वेदानुसार गूलर के औषधीय उपयोग, गूलर के फलों को सुखाकर उसे पीसकर उसका चूर्ण चीनी में मिलाकर सुबह शाम खाया जाता है इससे  रक्त प्रदर ठीक हो जाता है! रक्त प्रदर में हमें दूध का सेवन करना चाहिए.... पके हुए गूलर के बीज निकालकर उसे पानी के साथ पीसकर उसका रस निकालकर रस में शहद मिलाकर खाने से  रक्त प्रदर ठीक हो जाता है.! गूलर का दूध गाय, बकरी या भैंस के दूध के साथ मिलाकर पीने से  शरीर सूखे रोग से मुक्त रहता है.! कच्चे गूलर की सब्जी खाने से गूलर के सूखे फलों को पीसकर, छानकर उसमें चीनी मिलाकर प्रतिदिन खाने से  खुनी बवासीर रोग से मुक्त हो जाते है। खूनी बवासीर में  10 बूँद गूलर का दूध 1 चम्मच पानी में मिलाकर पीना चाहिए। इसके फल को पीसकर पानी के साथ पीने से  मधुमेह रोग से मुक्त हो जाते हैं। दंत रोग में गूलर के 2–3 फल पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर इसके काढ़े से कुल्ला करना चाहिए इससे  दांत व मसूढ़े स्वस्थ तथा मजबूत रहते है निमोनिया होने पर गूलर के दूध को पानी में मिलाकर काढ़ा बनाकर पिलाया जाता है। फोड़ा फुन्सी होने पर  फोड़े फुंसि...

Ginger

Image
* अदरक* अदरक बहुपयोगी औषधीय गुणों से भरपूर और पोषण की खान है। इसे विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है।  लगभग 100 से ज्यादा बीमारियों में इसका इस्तेमाल लाभकारी माना जाता है।  कई लोकप्रिय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए प्रमुख सामग्री के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। पोषक तत्वों और बायोएक्टिव यौगिकों से भरा हुआ अदरक इंसान के शरीर और दिमाग के लिए लाभकारी होता है। अदरक के नियमित इस्तेमाल से जी मिचलाने की शिकायत नहीं होगी। सर्जरी के बाद होने वाली उल्टी या जी मिचलाने में अदरक राहत दे सकता है  और कीमोथेरेपी से गुजरने वाले कैंसर रोगियों को भी राहत दे सकता है।  वहीं, अगर कोई गर्भवती महिला इसका इस्तेमाल करेगी, तो यह गर्भावस्था से संबंधित जी मिचलाने और सुबह के वक्त काफी प्रभावी हो सकता है।  अदरक के ज्यूस में सूजन को कम करने की शक्ति होती है  सूजन से परेशान हैंअदरक के ज्यूस का उपयोग नियमित तौर पर करते हैं, उन्हें जोड़ों में सूजन और दर्द पैदा करने वाली बीमारियां परेशान नहीं करतीं।जोड़ों की समस्या नई हो या कई साल पुरानी- यकीन रखिए कि अदरक का...

Pain Killer

Image
* पेनकिलर*  अगर किडनी बढ़िया रखनी है तो पेन किलर कभी ना खायें .... अगर शरीर, पेट आदि सभी अच्छा रखना है तो पेन किलर नहीं खाएं अगर शरीर में कहीं दर्द हो तो ये प्रयोग करें फीके गरम दूध  में हल्दी डालकर पियो एंटीबायोटीक का बाप है  कभी एंटीबायोटीक की जरुरत पड़े तो शुद्ध हल्दी मे फीके गरम दूध  मिलाकर पियो | दूध का दूध एंटीबायोटीक का एंटीबायोटीक  .. दर्द होता है तो थोडा खानपान में ध्यान रखे ..जौ का दलिया और जौ के आटे की रोटी खायें, तो शरीर में अन्दर जहाँ भी सुजन है जिसके कारण तकलीफ होती है वो चली जायेगी  जो आदमी जौ का दलिया और जौ की रोटी खाता है उसको बुढ़ापे में और जब तक जियेगा तब तक किडनी ख़राब नहीं होती| ☯️

Kachnar

Image
* कचनार* कचनार और वरुण की छाल मिलकर  सेवन करने से गुर्दे की सभी बीमारियां ठीक हो जाती है सी योग से अंडकोष की सूजन में भी लाभ होता है  इसके पत्ते का क्वाथ बनाकर सेवन करने से  फेफड़ों के सभी रोग चले जाते हैं  कचनार चल गोमूत्र के साथ सेवन करने से किसी भी प्रकार के कैंसर में लाभ होता है  किसी भी तरह के गांठ को गलाने में अत्यधिक कारगर है   इसके छाल से कांच नार गुगल गोलियां बनती है  ☯️

Shilajit

Image
 * शिलाजीत*   शिलाजीत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में एक ऐसी औषधि है जो वर्षो से जानी जाती  है जानिए  शिलाजीत के उपयोग एंटी-डायबिटिक गुण के कारण यह डायबिटीज के उपचार और इसके जोखिम को कम करने में मदद करता है। और रोगी धीरे-धीरे अपने शरीर को मजबूत बनाकर इस रोग से छुटकारा पा सकता है। रीढ़ या पीठ के निचले हिस्से में चोट लगने से साइटिका विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य टूट फूट। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी रीढ़ की हड्डी में सामान्य टूट-फूट से नसें दबना, हर्नियेटेड डिस्क और अन्य स्थितियां पैदा हो सकती हैं। जो कटिस्नायुशूल का कारण बन सकती हैं।   शुद्ध शिलाजीत के उपयोग सेस्पोडिलोसिस साइटिका और    पीठ दर्द में शानदार उपयोग और चमत्कारिक फायदा दिलाने में सहायक होता हैं। अनिद्रा की समस्या टेस्टोस्टोरोंस हार्मोन की कमी के कारण होता है। जबकि शिलाजीत खाने से यह हार्मोन बढ़ जाता है। इसलिए रात में सोने से पहले  शिलाजीत का सेवन करने से चमत्कारिक फायदा दिलाने में सहायक होता हैं।  शिलाजीत में आयरन की मात्रा पाई जाती है। जिसके कारण यह आपके ...

Bhang & Benifits

Image
* भांग और फायदे* *भांग पीने के केवल नुकसान ही नहीं इसे पीने के  फायदे  भी हैं* होली आए और भांग का जिक्र ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। भारत में भांग का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है   भांग का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं में भी किया जाता है। *भांग के सेवन के फायदे* भांग में मिलने वाला कैनाबिजोइल  कुछ तरह के सीजर ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके कारण मॉलिक्यूल द्वारा जो सिग्नल ब्रेन तक पहुंच सकते हैं उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है। ऐसे में बीमारी के कारण दिमाग में जो सिग्नल जाते हैं जिनके कारण दौरे पड़ते हैं वो CBD के जरिए ब्लॉक हो जाते हैं। हालांकि, मात्रा और इलाज डॉक्टरी सलाह के हिसाब से ही होना चाहिए। भांग नसों को रिलैक्स करने का काम कर सकती हैं। अगर बहुत कम मात्रा में ली जाए तो सिरदर्द में फायदेमंद हो सकती है।  इससे नींद की समस्या भी दूर होती है। नसों के रिलैक्स होने से नींद आने में परेशानी नहीं महसूस होती है।  हालांकि, सिरदर्द और नींद के लिए भांग का प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए...

Fenugreek Seeds

Image
* दाना मेथी* आज के समय में लोगों का खानपान ऐसा हो गया है जिसकी वजह से लोग मोटापे के शिकार हो जाते हैं. और पेट की चर्बी बढ़ जाती है.  पेट में जमा चर्बी आपकी सेहत के लिए भी बेहद नुकसानदायक हो सकती है.  पेट में जमा चर्बी को कम करना चाहते हैं तो दाना मेथी का प्रयोग करें मेथी एक ऐसा मसाला है जो नेचुरली तौर पर पेट में जमा चर्बी को कम करने में मदद करता है . अगर आप इसका सेवन सही तरीके से करते हैं तो महज 20-25 दिनों में अपने पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं.  आइए जानते हैं कि बैली फैट को कम करने के लिए मेथी का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए. दाना मेथी एक फायदेमंद मसाला  होता है. इसमें फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन्स पाए जाते हैं जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते है . यह वजन को कम करने के साथ ही पेट में जमा चर्बी को कम करने में भी मदद करती है. मेथी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं पेट में जमा चर्बी को कम करने के लिए आप मे रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच दानामेथी को भि...

Garlic

Image
* खाली पेट लहसुन -*  आयुर्वेद में लहसुन को दवाई माना गया हैं । सुबह खाली पेट में लहसुन का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। लहसुन खाने से हाई बीपी से जुड़ी समस्या को कम किया जाता हैं  लहसुन ब्लड सर्कुलेशन को कंट्रोल करने में काफी कारगार होता है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर हैं वह लहसुन का सेवन करके छु़टकारा पा सकते है। लहसुन पेट से संबंधित बिमारियों का भी इलाज करनें में काफी मददगार होता है। डायरिया, कब्ज जैसी समस्या के लिए यह बेहद उपयोगी माना जाता है। पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें फिर इस पानी को सुबह खाली पेट पीनें से डायरिया और कब्ज से छुटकारा मिल जाएगा।  लहसुन खाने से खून का जमना कम किया जा सकता है और हार्ट अटैक की परेशानी से भी राहत मिलती है। खाली पेट लहसुन की कलियां चबाने से पाचन में दिक्कत नहीं होती है और भूख भी लगना शुरू हो जाती है।  लहसुन का सेवन जुकाम, अस्थमा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदा करता है। ☯️

AmamrBel

Image
* अमर बेल* अमर बेल एक परजीवी पौधा है, जो अपने औषधीय गुणों के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करन में सहायक है  इसे पित्त और कफ दोष को संतुलित करने के लिए उपयोग किया जाता है   अमर बेल का रस का काढ़ा यकृत की कार्यक्षमता को सुधारता है। यह पीलिया (जॉन्डिस) और लिवर संबंधित विकारों में विशेष रूप से फायदे मंद है यह अपच, कब्ज, और अम्लता (एसिडिटी) को कम करके पेट साफ करता है और भूखबढ़ता है अमर बेल का लेप या इसका रस त्वचा रोगों जैसे खुजली, एक्जिमा और दाद में लाभकारी है। बालों में अमर बेल का तेल लगाने से बाल मजबूत होते हैं और झड़ने की समस्या कम होती है।  यह डैंड्रफ को कम करने और बालों की चमक बढ़ती है अमर बेल का सेवन रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रित  अमर बेल का उपयोग पुरुषों और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार के लिए किया जाता है। यह शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाने में सहायक है  इसका सेवन रक्त को शुद्ध करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। • यह शरीर में त्वचा और रक्त से जुड़ी बीमारियों को ठीक करता है अमर बेल...

Typhoid

Image
* टाइफाइड*       टाइफाइड आम बुखार नही है *इसका नाम विषम ज्वर या मियादी बुखार होता है, ये कभी कभी साल भर भी चलता रहता है मरीज दवा खाता है तो बुखार उतर जाता है उसके बाद फिर चढ़ जाता है*। *साधारण बुखार बिगड़  कर ही टाइफाइड बन जाता है*। *कभी कभी यही बुखार दिमाग में चढ़ कर पागलपन के दौरे का भी कारण बनता है*। *इसमें शरीर पर गर्दन के आस पास और सीने पर महीन  चमकीले दाने उभर आते हैं जो लेंस से दिखाई देते हैं। *इस बुखार में अन्न् नहीं  खाना चाहिए  *मरीज को केवल फल दूध ही दिया जाना चाहिए उपचार सत अमृता                 10 ग्राम सितोपलादि चूर्ण          25 ग्राम संजीवनी वटी              10 ग्राम गोदंती भष्म।               10 ग्राम स्फटिक भष्म                5 ग्राम स्वर्ण बसंत मालती रस    2 ग्राम  सभी को मिला कर अच्छी तरह घुटाई करके गिलोय स्वरस की दो भावना देक...

Corn Silk

Image
* भुट्टे के बाल*  भुट्टा, जिसे आमतौर पर लोग बड़े चाव से खाते हैं, पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें फाइबर, कैल्शियम, जिंक, विटामिन्स, और मिनरल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। लेकिन अक्सर लोग भुट्टे के बाल, जिसे कॉर्न सिल्क (Corn Silk) कहा जाता है,फेंक देते हैं  कॉर्न सिल्क औषधीय गुणों का खजाना है।  यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में बेहद मददगार साबित होते है भुट्टे के बाल में डाययूरेटिक गुण होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह यूरिन से जुड़ी समस्याओं जैसे जलन, बार-बार पेशाब आना, और किडनी स्टोन से निजात दिलाने में सहायक होता है।  इसके अलावा, यह ब्लोटिंग को कम करता है और किडनी की पथरी को निकालने में भी कारगर माना जाता है। भुट्टे के बालों में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।  यह हृदय को स्वस्थ रखने और हाई बीपी के मरीजो...

BACK PAIN

Image
* कमर दर्द*  सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।  नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें।   तवे पर दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक लें। इस नमक को मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। कमर पर इस पोटली से सेक करने से दर्द से आराम मिलता है।    अजवाइन को तवे के पर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें। ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है।     अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें। ☯️

AAK PLANT

Image
आक वृक्ष (Calotropis)  इसेें आक,या मदार के नाम से जाना जात है  यह एक जहरीला पौधा माना जाता है आयुर्वेद में इसके विभिन्न भागों (पत्ते, फूल, दूध, जड़ और छाल) का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है।  मदार के पत्तों को गर्म करके जोड़ों पर बांधने से गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। मदार के पत्ते पर अरंडी का तेल लगाकर गर्म कर बवासीर के मस्सों पर लगाने से आराम मिलता है।  सूखे पत्तों का धुआं लेने से दमा (Asthma) और सर्दी में राहत मिलती ह मदार के फूलों का चूर्ण (लगभग 1-2 ग्राम) शहद के साथ लेने से कब्ज दूर होती है।  इसके फूलों का लेप खुजली और फोड़े-फुंसी पर लगाने से लाभ होता है।  बुखार में इसके फूलों का काढ़ा लाभदायक होता है।  मदार के दूध को रुई में भिगोकर दांतों के दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। इसके दूध को मधुमक्खी, बिच्छू या अन्य जहरीले शकीड़ों के काटने पर लगाने से विष का प्रभाव कम होता है। मस्सों का इलाज: मस्सों पर इसका दूध लगाने से वे सूखकर गिर जाते है  मदार की जड़ का चूर्ण लेने से मधुमेह (Diabetes) नियंत्रित होत...

Asafoetida

Image
* हींग* हींग जहां भोजन का स्वाद बढ़ाती है वहीं एक चमत्कारी औषधि भी है दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएं। कीड़े अपने आप निकल जाएंगे।  यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें।  कांटा अपने आप निकल आएगा।  हींग को दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।   हींग का लेप बवासीर, में भी लाभप्रद है।   कब्जियत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा।   पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन लाभकारी होता है   हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।  जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।   हींग भोजन को पचाने में सहायक होती है। ☯️

Loose Motion

Image
* लूज मोशन*  दस्त होने पर या पेट में  जलन होने पर  आपनाई जाने वाली  सावधानियाँ  नारियल पानी पीने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।  चावल का पानी (मांड) पीने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दही खाने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।  पुदीने की पत्तियों को चबाने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अदरक का रस पीने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। केले खाने से पेट की जलन कम होती है और दस्त को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। ORS पीने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। ध्यान ‌देने योग्य बातें  पर्याप्त पानी पीना चाहिेए लंबे समय तक  दस्त  रहते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए  ☯️

Heel Pain

Image
* एडी मे दर्द* लोग सेहत के मामले में जो नजर नहीं आता है उसे नजर अंदाज कर देते हैं पर ऐसा करना ग़लत है और जब बात पैरों की हो तो  इसे कभी भी नजरअंदाज न करें। क्योंकि की शरीर का सारा भार पैर ही उठाते हैं फिर ऐड़ी पैर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है     एड़ी में दर्द हो तो कैसे करें उपचार...  आक का फूल ले  उसको पानी मे पका ले फूल ज्यादा गर्म नही रहै उसको एडी पर रखकर कपडे से बांध ले  पूरी रात रखे *अथवा* 2 चम्मच  सरसो तेल   आधा चम्मच हल्दी पाउडर  डालकर गर्म करे उसमे आधा चम्मच निंबू रस  आधा चम्मच  कुटी प्याज  आधा चम्मच सादा नमक  डालै इस मिश्रण को एडी पर पूरी रात  कपडे की मदद  से बाधे  ये उपाय रोजाना या एक दिन छोड़ कर कर सकते है 15 दिन से एक महिने करने पर दर्द  से आराम मिल जायेगी  किसी ऊंची जगह पर बैठकर लटकाकर पैरों के पंजों को गोल-गोल कई बार घुमाएं।   पैरों की उंगलियों पहले तो अपनी तरफ खीचें फिर बाहर की तरफ खीचें।  रोज दिन में कई बार गर्म पानी से एड़ी की सिकाई करें।   एड़ी में...

Black Turmeric

Image
* काली हल्दी* काली हल्दी का काम  सौंदर्यवर्धन होता है इसे नियमित रूप से उपयोग में ले       1/4 चम्मच काली हल्दी पाउडर,  1 चम्मच बादाम का तेल, 1 चम्मच एलोवेरा जेल,     सभी सामग्री को मिलाकर,  क्रीम जैसा पेस्ट तैयार करें। इसे आंखों के नीचे,  हल्के हाथों से लगाएं। 15/20 मिनट के बाद,  गुनगुने पानी से धो लें।       डार्क सर्कल्स को कम करता है और आंखों की थकी हुई त्वचा को,  आराम देता है।          त्वचा को ताजगी देने के लिए काली हल्दी       1/2 चम्मच काली हल्दी पाउडर,  100 ml गुलाबजल , 2-3 बूंदें लैवेंडर ऑयल सभी सामग्री को स्प्रे बोतल में भर लें और अच्छी तरह हिलाएं। इसे चेहरे पर स्प्रे करें और हल्के हाथों से थपथपाएं।       यह त्वचा को ताजगी और नमी प्रदान करता है। *ध्यान देने योग्य*  काली हल्दी का उपयोग,  हमेशा कम मात्रा में करें। क्योंकि,  इसका गहरा रंग दाग छोड़ सकता है। किसी भी नए उत्पाद का उपयोग करने से पहले , पैच टेस्ट करें। प्राकृ...

CLOVE

Image
* लौंग* दो लौंग रोज दो बार चूसिए हमेशा स्वस्थ  रहिए  जो लोग जिंदगी भर स्वस्थ और फिट रहना चाहते हैं तो उन्हें दो लोंग रोजाना चूसना चाहिए और मुलायम होने पर चबा लेना चाहिए शरीर में रक्त मौजूद आक्सीजन का स्तर  शरीर के जिस हिस्से को आक्सीजन अधिक मिलेगी वो तीव्रता से स्वस्थ होगा और कम मिलेगी तीव्रता से बीमार और कमजोर  कैंसर का अगर कोई सबसे बड़ा बचाव है तो लौंग ही है क्योंकि शरीर में जितना ज्यादा आक्सीजन प्रवाह होगा कोशिकाओं में म्युटेशन के चांस उतने ही कम होंगे आटो इम्युन डिज़ीज़ होने की संभावना नहीं रहेगी      कभी भी काला या पिचका हुआ तड़का हुआ नहीं खरीदें क्योंकि उससे औषधीय तेल निकाल लिया गया होता है        लौंग में कई तरह के जीवाणु व विषाणु रोधी तत्व पाये जाते हैं। इसमें से पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन , मैंगनीज फाइबर, विटामिन , ओमेगा 3, मैग्नीशियम , सोडियम के अलावा कई अन्य तत्व सम्मिलित होते हैं। वैसे तो इसका किसी समय इस्तेमाल शरीर के लिए फायदेमंद ही साबित होता है, लेकिन रात को सोने से पहले इसका सेवन सेहत को चमत्कारी लाभ पहुंच...