Water at the end of the Meals
* भोजन के अंत में पानी* ऐसा कह गया है कि अपच की अवस्था में पानी औषध के समान होता है । भोजन पचने के बाद की अवस्था में पानी बल प्रदान करता है तो भोजन के बीच में घूंट भर थोड़ा सा जल अमृत के समान होता है ,जबकि भोजन के बाद में पिया हुआ पानी जहर के समान होता है। भोजन करने के बाद हमारे पेट के जठर में जाकर खाना पचने की प्रक्रिया शुरू करता है इसको हम आमाशय कहते हैं। जब भूख लगती है तब वास्तव में आमाशय में वो अग्नि ही हमे संकेत देती है जब अच्छी भूख लगती है तो कैसा भी भोजन कर लिया जाए बहुत मीठा भी लगता है और पच भी जाता है। जठर की अग्नि भोजन के एक घंटे बाद तक प्रदीप्त रहती हैं। हमारी पुरानी बोली में इसको जठराग्नि कहते हैं। तब जठराग्नि अपनी प्रक्रिया 1 घंटे में आराम से चला कर भोजन से प्राप्त मात्रा में आहार रस हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को भेजता है ।अब अगर जठराग्नि की चलती हुई प्रक्रिया के ऊपर हमने लोटा भरकर ठंडा पानी डाल दिया तो पेट की अग्नि बुझ जाएगी। जिसके चलते भोजन के उत्तम पाचन की प्रक्रिया तो एकदम रू...