Typhoid
*टाइफाइड*
टाइफाइड आम बुखार नही है
*इसका नाम विषम ज्वर या मियादी बुखार होता है, ये कभी कभी साल भर भी चलता रहता है मरीज दवा खाता है तो बुखार उतर जाता है उसके बाद फिर चढ़ जाता है*।
*साधारण बुखार बिगड़ कर ही टाइफाइड बन जाता है*।
*कभी कभी यही बुखार दिमाग में चढ़ कर पागलपन के दौरे का भी कारण बनता है*।
*इसमें शरीर पर गर्दन के आस पास और सीने पर महीन चमकीले दाने उभर आते हैं जो लेंस से दिखाई देते हैं।
*इस बुखार में अन्न् नहीं खाना चाहिए
*मरीज को केवल फल दूध ही दिया जाना चाहिए
उपचार
सत अमृता 10 ग्राम
सितोपलादि चूर्ण 25 ग्राम
संजीवनी वटी 10 ग्राम
गोदंती भष्म। 10 ग्राम
स्फटिक भष्म 5 ग्राम
स्वर्ण बसंत मालती रस 2 ग्राम
सभी को मिला कर अच्छी तरह घुटाई करके गिलोय स्वरस की दो भावना देकर सुखाकर रख ले
2 ग्राम सुबह 2 ग्राम शाम गुनगुने दूध या शहद से दें।
दो दिन में बुखार उतर जायेगा, तीन या चार दिन में दाने ख़त्म हो जायेंगे।
जब दाने ख़त्म हो जाएँ तब भोजन में पतली- पतली मूंग की दाल लौंग से तड़का लगा कर और 1 पतली रोटी से प्रारम्भ करना है।
जडसे खत्म करने के लिए दवा कम से कम 20 से 30 दिन खानी होती है
दवा लेते समय रोटी सब्जी न लेकर दलिया या खिचड़ी ले या फल ले।
☯️
Comments
Post a Comment