AAK PLANT

आक वृक्ष (Calotropis) 

इसेें आक,या मदार के नाम से जाना जात है
 यह एक जहरीला पौधा माना जाता है
आयुर्वेद में इसके विभिन्न भागों (पत्ते, फूल, दूध, जड़ और छाल) का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है।

 मदार के पत्तों को गर्म करके जोड़ों पर बांधने से गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

मदार के पत्ते पर अरंडी का तेल लगाकर गर्म कर बवासीर के मस्सों पर लगाने से आराम मिलता है।

 सूखे पत्तों का धुआं लेने से दमा (Asthma) और सर्दी में राहत मिलती ह

मदार के फूलों का चूर्ण (लगभग 1-2 ग्राम) शहद के साथ लेने से कब्ज दूर होती है।

 इसके फूलों का लेप खुजली और फोड़े-फुंसी पर लगाने से लाभ होता है।
 बुखार में इसके फूलों का काढ़ा लाभदायक होता है।

 मदार के दूध को रुई में भिगोकर दांतों के दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।

इसके दूध को मधुमक्खी, बिच्छू या अन्य जहरीले शकीड़ों के काटने पर लगाने से विष का प्रभाव कम होता है।

मस्सों का इलाज: मस्सों पर इसका दूध लगाने से वे सूखकर गिर जाते है

 मदार की जड़ का चूर्ण लेने से मधुमेह (Diabetes) नियंत्रित होता है।

इसकी जड़ का सेवन अपच और पेट की गैस की समस्या में लाभदायक होता है।
मदार की जड़ का काढ़ा लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।


मदार की छाल का काढ़ा बुखार को कम करने में सहायक होता है।

 इसकी छाल का लेप फंगल संक्रमण और दाद-खुजली जैसी समस्याओं में लाभदायक होता है।


मदार के पत्तों और जड़ों का उपयोग अस्थमा और खांसी में किया जाता है।

 इसके रस में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो घाव भरने में मदद करते हैं।

 आयुर्वेद के अनुसार, मदार वात और कफ दोष को संतुलित करने में सहायक है।

 मदार के पत्तों को पेट पर बांधने से वजन घटाने में मदद मिलती है।

*सावधान*

 डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन न करें। यह एक जहरीला पौधा है

गर्भवती महिलाएं और बच्चे इसका सेवन ना करे

आँखों और संवेदनशील त्वचा पर इसका दूध लगाने से जलन हो सकती है,


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