Arjuna Flower Oil

*अर्जुन फूल का तैल* 
                                   ‌                                   ‌      ‌                                 अर्जुन का फूल हृदय मजबूती रक्तशुद्धि शीतल, मूत्रल एवं सौंदर्यवर्धक गुणों  से भरपूर वाला होता है                              इसका तेल तैयार किया जाता है,  तो यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, त्वचा व रक्तदोष, मानसिक तनाव व सौंदर्य-चिकित्सा में उपयोगी बन जाता है।

      ताजा अर्जुन फूल की पंखुड़ियाँ -- 1 भाग,।    तिल तैल -- 4 भाग          जल -- 16 भाग।

 अर्जुन फूल की पंखुड़ियों का काढ़ा बनाएं -- फूल 1 भाग + जल 16 भाग -- उबालकर 1/4 भाग शेष रखें।
इस काढ़े को छानकर अलग करें।
 अब तिल तेल  अर्जुन का काढा  फूल का महीन पेस्ट एक साथ मिलाकर मंद अग्नि
 उबालें,  जब तक पानी पूर्णत: उड़ न जाए और केवल सुगंधित तेल शेष रहे।
 ठंडा करके छान लें।
        अर्जुन का तेल तैयार  है
 हृदय को शक्ति देने वाला।
रक्त की अशुद्धि दूर करता है जलन व पित्त विकारों को शांत करता है। हृदय और त्वचा विकारों में उपयोगी।

हृदय रोगी
नाभि पर व हृदय क्षेत्र पर अर्जुन पुष्प तैल से,  हल्की मालिश करें।
 धड़कन, उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव में लाभकारी।
 
 दाद-खुजली, मुहाँसे, रक्तदोष व त्वचा की सूजन में,  तैल का लेप करें।
 नीम तैल के साथ मिलाकर,  उपयोग और भी प्रभावी होता है।

2–3 बूँद अर्जुन पुष्प तैल की सिर पर मालिश।
  मानसिक शांति, अच्छी नींद।
 मूत्रविकार  में
निचले पेट  पर हल्की मालिश।

      अर्जुन पुष्प तैल – 20 ml,।                               गुलाब तैल – 5 ml।       , चंदन तैल – 2 ml।
 यह त्वचा को शीतल, चमकदार व रक्तशुद्ध करता है।
तनाव निवारक अरोमा ऑयल 
 डिफ्यूज़र में 4–5 बूँद अर्जुन पुष्प तैल डालें।
 वातावरण शुद्ध, मानसिक शांति, हृदय की धड़कन संतुलित।
 हृदय रोगी यदि अन्य दवा  ले रहे हों,  तो डाक्टर की देखरेख में ही प्रयोग करें।

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