Not Being Able To Urinate

*पेशाब का नहीं आना*                              
जब किसी कारण से मूत्राशय में रुकावट होती है तो पेशाब आना बंद हो जाता है। ऐसे में रोगी को पेशाब करने का तो एहसास होता है परंतु पेशाब नहीं हो पता है। इस रोग को आयुर्वेद में मूत्रकृच्छ, मूत्ररोध या पेशाब का न आना कहते हैं।

 इन दोनों रोगों में पेशाब आना बंद हो जाता है। तथा रोगी को अधिक कष्ट होता है। दोनों रोगों में फर्क सिर्फ का इतना है कि मूत्रनाश में मूत्राशय में पेशाब नहीं बनता। इसीलिए रोगी को पेशाब नहीं लगता जबकि मूत्ररोध में पेशाब बनने के बाद पेशाब तो लगता है परंतु पेशाब नहीं आता। 

पेशाब न होने के कारण...

खून के थक्के जमने के वजह से भी कई बार बूंद बूंद करके पेशाब आता है। 
पुरुषों में उम्र बढ़ाने के कारण कई बार प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ जाती है। जो यूरिन ना आने का कारण भी बन सकते हैं।

यूरिन इन्फेक्शन से भी कई बार पेशाब का आना बंद हो जाता है। 

पेशाब के रास्ते में पथरी फंसने से भी रुकावट उत्पन्न करती है। 

पाचन तंत्र में हुई बीमारियों के कारण भी पेशाब का आना बंद हो जाता है। 

*प्रवाल पिष्टी २ रत्ती*
*श्वेत parpati २ रत्ती,*
*मूत्रकृच्छांतक रस 1 रत्ति*,
यह एक मात्रा सुबह - शाम 

शरबत अनार या शहद के साथ दें।

*गोक्षुरादि गु.  १ - १ गोली सुबह - शाम जल से दे।*

अगर मूत्राशय में पथरी है तो वृक हर क्वाथ के साथ देवें।

50 ml सुबह और 50 ml शाम को।

भोजन के बाद.. *चंदनासव तीन चम्मच बराबर जल के साथ।*

दिन में दो बार देवें ।                                   ☯️

Comments

Popular posts from this blog

Jeera

URINE Problem

Late Night Dinner