Mulberry
शहतूत शहतूत एक पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर फल है,। शहतूत के फल, पत्ते, जड़, और छाल सभी का औषधीय महत्व है।
शहतूत में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज से छुटकारा दिलाता है।
10-20 मिली शहतूत के फल का रस में 1-2 ग्राम पिप्पली चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है और कब्ज दूर होता है।
शहतूत का रस मूत्राशय और पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभकारी है।
5-10 ग्राम शहतूत के रस में 1 ग्राम कलमी शोरा (पोटेशियम नाइट्रेट) पीसकर मूत्राशय के आसपास लेप करने से पेशाब में धातु (प्रोटीन) निकलने की समस्या कम होती है।
ब्राह्मी का क्वाथ 2 भाग शहतूत के रस 1 भाग के साथ मिलाकर पीने से पित्तजन्य उन्माद और मूत्र रोगों में लाभ होता है।
1 चम्मच शहतूत के रस को 1 कप पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले और दाने ठीक हो जाते हैं।
मुलेठी चूर्ण 1 ग्राम को शहतूत के रस के साथ मिलाकर कुल्ला करने से अतिरिक्त लाभ मिलता है।
शहतूत की छाल और जड़ का काढ़ा पेट के कीड़ों को नष्ट करता है।
20 ग्राम शहतूत की छाल और 20 ग्राम खट्टे अनार के छिलके को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इसे 50-100 मिली सुबह-शाम पीने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
शहतूत की छाल के चूर्ण 2-3 ग्राम में 1 चम्मच शहद मिलाकर चटनी की तरह खाने से कीड़े नष्ट होते हैं।
शहतूत के पत्तों को पीसकर प्रभावित त्वचा पर लेप करें। इससे दाद और खुजली में राहत मिलती है।
शहतूत के पत्तों के चूर्ण में नींबू का रस और थोड़ा घी मिलाकर त्वचा पर लगाने से दाद 15 दिनों में ठीक होजाता है।
शहतूत का शरबत गले की जलन और दर्द में आराम देता 1 चम्मच शहतूत का शरबत गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करने से टॉन्सिल और गले का दर्द ठीक होता है।
शहतूत के रस में 1 ग्राम मुलेठी चूर्ण मिलाकर गरारे करने से गले के रोगों में अतिरिक्त लाभ होता है।
शहतूत में विटामिन A प्रचुर मात्रा में होता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
रोजाना 10-20 मिली शहतूत का जूस पीने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
शहतूत के रस में 1 चम्मच आंवला रस मिलाकर पीने से आंखों का तनाव कम होता है और दृष्टि सुधरती है।
शहतूत की ठंडी तासीर गर्मी और लू से बचाव करती है।
50-100 मिली शहतूत का शरबत रोजाना पीने से शरीर की जलन और प्यास कम होती है।
शहतूत के शरबत में 2-3 पत्ते पुदीना मिलाकर पीने से गर्मी और जलन में राहत मिलती है।
*ध्यान दें*
शहतूत में पोटेशियम अधिक होता है, इसलिए किडनी रोगियों को इसका सेवन सीमित करना चाहिए।
संवेदनशील त्वचा वालों को शहतूत से एलर्जी खुजली, लाल चकत्ते हो सकती है।
शहतूत रक्त शर्करा को कम करता है, इसलिए निम्न रक्त शर्करा वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
शहतूत के नियमित और संतुलित उपयोग से कई रोगों से बचाव और उपचार संभव है। फिर भी औषधि के रूप में लेने से पहले डाक्टर से परामर्श लें ☯️
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