IMLI
*इमली*
इमली को आयुर्वेद में 'अम्लिका' कहा जाता है और इसके कई औषधीय गुण बताए गए हैं। इसका स्वाद खट्टा-मीठा अम्ल-मधुर रस होता है और इसकी तासीर गर्म मानी जाती है। यह वात दोष को शांत करने में मदद करती है। कई बार सिरदर्द का कारण शरीर में वात का बढ़ना या खराब पाचन होता है। इमली अपने 'भूख बढ़ाने और 'पाचन सुधारने गुणों से इन मूल कारणों पर काम करके सिरदर्द में राहत देती है।
इमली मैग्नीशियम का एक बहुत अच्छा स्रोत है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में मैग्नीशियम की कमी को माइग्रेन के मुख्य कारणों में से एक माना गया है। साथ ही, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी सूजन-रोधी गुण दर्द पैदा करने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसका खट्टा-मीठा स्वाद इंद्रियों को एक शॉक देकर भी ध्यान भटकाने का काम कर सकता है।
इमली में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो एक प्राकृतिक वैसोडिलेटर (vasodilator) है, यानी यह रक्त वाहिकाओं को आराम देकर ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं।
जब भी सिरदर्द या माइग्रेन का दर्द महसूस हो, तो पकी हुई इमली का एक छोटा सा टुकड़ा बीज निकालकर मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसें।
ब्लड प्रेशर और सामान्य स्वास्थ्य के लिए एक गिलास पानी में इमली का छोटा टुकड़ा 1-2 घंटे के लिए भिगो दें। फिर उसे अच्छी तरह मसलकर छान लें और इस पानी का सेवन करें।
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