Sarcopenia
*कमजोर मांसपेशियां*
(*सरकोपेनिया*,)
उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर के-मांसपेशयों
की ताकत में गिरावट आती है। मांसपेशियों की कमजोरी को सरकोपेनिया कहा जाता है।
जानकारी व सजगता के अभाव में यह बीमारी डायबिटीजटाइप-2 की तरफ ले जाती है।
सरकोपेनिया आमतौर पर बुजुर्ग और गतिहीन व्यक्ति और उन रोगियों को प्रभावित करता है जिनमें शारीरिक गतिविधियों कम होती हैं शारीरिक गतिविधि को ख़राब करती है
अधिक से अधिक खड़े रहने की आदत डालनी चाहिए
,कम से कम बैठें.
यदि आप बैठ सकते हैं तो कम से कम लेटें।
अगर कोई उम्र दराज व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है तो *उसे ज्यादा आराम करने के लिए ना कहें लगातर लेटने और बिस्तर पर बैठने की सलाह न दें*।
एक सप्ताह तक लेटे रहने से मांसपेशियाँ की संख्या 5% कम हो जाती है।
बुजुर्गआदमी अपनी मांसपेशियों का पुनर्निर्माण नहीं कर सकता, एक बार वे ख़त्म हो गईं तो हो गईं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए परिजन सेवा करने वाले लगते हैं वह ग़लत है क्योंकी निष्क्रिय रहने से
उनकी मांसपेशियाँ जल्दी ही कमजोर हो जाती हैं।
सरकोपेनिया ऑस्टियोपोरोसिस से भी ज्यादा खतरनाक है!
ऑस्टियोपोरोसिस में आपको केवल यह सावधान रहने की आवश्यकता है कि
आप गिरें नहीं,
जबकि सरकोपेनिया ना केवल जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि मांसपेशीयों शरीर में शूगर वह रक्तचाप को भी प्रभावित करता है
कोई व्यक्ति बैठता है या लेटता है, तो पैर हिलते नहीं हैं और पैर की मांसपेशियों की ताकत प्रभावित होती है।
सरकोपेनिया से सावधान रहना होगा।
सीढ़ियाँ चढ़ना- उतरना, हल्की दौड़, साइकिल चलाना सभी बेहतरीन व्यायाम हैं और मांसपेशियों का निर्माण कर सकते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ में जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए मानव मांसपेशियों की बर्बादी को रोकने के लिए जितना सम्भव हो सके अपने दोस्तोर्और प्रियजनों को चलने के लिये प्रेरित।
* उम्र की शुरुआत पैरों से होती है!*
अपने पैरों को सक्रिय और मजबूत रखें। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे पैर हमेशा सक्रिय और मजबूत रहने चाहिए।
यदि आप केवल दो सप्ताह तक अपने पैर नहीं हिलाते हैं तोआपके पैर की वास्तविक ताकत 10 साल कम हो जाती है।
*नियमित व्यायाम करना और पैदल चलना बहुत जरूरी है*।
पैर एक प्रकार का स्तम्भ है जिस पर मानव शरीर का पूरा भार टिका होता है।
हर दिन पैदल चलना जरूरी है.
खास बात यह है कि
इंसान की 50% हड्डियाँ और 50% मांसपेशियां
पैरों में होती हैं।
*क्या आप प्रतिदिन पैदल चलते हैं ?*
मानव शरीर में सबसे बड़े और मजबूत जोड़ और
हड्डियाँ भी पैरों में पाई जाती हैं।
मानव गतिविधि और ऊर्जा का 70% हिस्सा पैरों के माध्यम से होता है।
*पैर शरीर की गति का केन्द्र है*।
मानव शरीर की 50% नसें और 50% रक्त वाहिकायें दोनों पैरों में होती हैं और
50% रक्त इन्हीं में बहता है।
उम्र बढ़ने की शुरुआत पैरों से ऊपर की ओर होती है।
*सत्तर की उम्र के बाद भी पैरों का सम्भावित व्यायाम करना चाहिए*
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके पैरों को उचित व्यायाम मिल रहा है ।और आपके पैर की मांसपेशियां स्वस्थ हैं,
हर दिन कम से कम 30-40 मिनट टहलें।
बचाव ही उपचार है
☯️
Comments
Post a Comment