Ramphal' s leaves

*रामफल के पत्ते*
Annona Reticula


          सिताफल फल के जैसा दिखने वाला लेकिन उससे बढ़ा और ज्यादा मीठा फल है

रामफल (Annona reticulata) के पत्ते आयुर्वेद में कई औषधीय गुणों से भरपूर होते  हैं। इसके पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं, जो विभिन्न रोगों में लाभदायक होते हैं।
 इसके पत्तों का कई बिमारियों से छुटकारा दिला सकते हैं।

 ब्लड कैंसर और ट्यूमर के इलाज में सहायक
 रामफल के पत्तों में पाए जाने वाले एंटी-कैंसर तत्व कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकने में सहायक होते हैं।

इसकी पत्तियों का काढ़ा या रस ब्लड कैंसर में लाभदायक माना जाता है।

 इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।

 यह फ्री रेडिकल्स को खत्म कर कोशिकाओं की क्षति को रोकता है।

शरीर में सूजन और दर्द में राहत मिलती है
 इसके पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और गठिया में लाभदायक होते हैं।

इसका पत्तों का पेस्ट सूजन वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।

रामफल के पत्तों में प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता होती है।
 इसका काढ़ा पीने से मधुमेह रोगियों को फायदा होता है

यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त संचार को सुधारने में मदद करता है। और

हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
इसके पत्तों का लेप लगाने से एक्जिमा, फंगल इंफेक्शन और त्वचा की जलन में लाभ होता है।

बालों की जड़ों को मजबूत करने और डैंड्रफ को कम करने में सहायक होता है।

 रामफल के पत्तों का काढ़ा – 5-7 पत्तों को पानी में उबालकर छानकर पी सकते हैं।
चूर्ण के रूप में – सूखे पत्तों को पीसकर चूर्ण बनाकर सेवन कर सकते हैं।
पेस्ट के रूप में – पत्तों को पीसकर त्वचा रोगों या जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाया जा सकता है।

 गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे इसका सेवन करने से पहले डाक्टर से परामर्श लें।

कमजोर रोगियों  या जिनका वजन कम हो उन्हें डायरेक्ट नहीं देना चाहिये, कॉम्बिनेशन के साथ ही देना चाहिए।
अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए

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