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*डकार*



डकार आना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसमें पेट में मौजूद अतिरिक्त हवा मुंह के रास्ते बाहर निकलती है।

 डकार आना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह पाचन प्रणाली के कार्य का एक हिस्सा है।

लेकिन  बार-बार
डकार आना, बदहजमी, एसिडिटी या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

जब हम खाना खाते हैं, पानी पीते हैं या बात करते हैं, तो हमारे साथ-साथ कुछ हवा भी निगल ली जाती है। यह हवा पेट में इकट्ठा हो जाती है और जब वह अधिक हो जाती है, तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए डकार के रूप में रिलीज़ करता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे पेट का दबाव कम होता है।

डकार आने के  कारण

जब कोई व्यक्ति बहुत तेज़ी से खाता है या पीता है

बात करते हुए खाना

च्यूइंग गम चबाना

स्ट्रॉ से ड्रिंक पीना

धूम्रपान

इन आदतों से मुंह के जरिए ज्यादा हवा पेट में जाती है, जो डकार के रूप में बाहर आती है।

कोल्ड ड्रिंक, जैसे पेय पदार्थों में कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है। जब इनका सेवन किया जाता है, तो गैस पेट में जमा होती है और डकार के रूप में निकलती है

बदहजमी जब खाना सही से नहीं पचता, तब गैस बनती है और डकार आती है।

 पेट का अम्ल ऊपर की ओर आने लगता है, जिससे डकार, जलन और खट्टी डकारें आती हैं।

पेट खाली होने पर गैस बनने लगती हैं

मानसिक तनाव से सांस लेने की गति तेज़ हो जाती है और व्यक्ति अनजाने में ज्यादा हवा निगलता है। यह हवा पेट में जाकर डकार का कारण बनती है।


चना, राजमा, पत्तागोभी, मूली आदि खाने से पेट में गैस बनती हैं 

अत्यधिक फाइबर युक्त भोजन

अगर डकार कभी-कभार आती है तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर ये बार-बार हो रही है और इसके साथ निम्न लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है:

खट्टी डकारें और सीने में जलन

पेट में लगातार भारीपन या दर्द

भूख की कमी

उल्टी या मिचली

अचानक वजन कम होना

ये सभी लक्षण गैस्ट्रिक अल्सर, GERD, या हायेटल हर्निया जैसी गंभीर समस्याओं के संकेत हो सकते हैं।

डकार को रोकने और राहत पाने के उपाय

भोजन की आदतें सुधारें:

धीरे-धीरे और चबा-चबाकर खाना खाएं

बात करते हुए खाना न खाएं

खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं

नियमित समय पर भोजन करें

 च्युइंग गम और स्ट्रॉ से बचे


 तनाव कम करें

अजवायन और काला नमक: गैस और डकार की समस्या में असरदार औषधि है

हींग का पानी: पेट की गैस को कम करता है

पुदीने का रस: डकार और पेट फूलने में आराम देता है

छाछ में भुना जीरा: पाचन क्रिया को सुधारता है

त्रिफला चूर्ण

हिंग्वाष्टक चूरण

  बार-बार और अधिक मात्रा में डकार आए, तो यह एक असंतुलित जीवनशैली, खराब खानपान या पाचन संबंधी किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। 

 लंबे समय तक और तकलीफदेह हों, तो डाक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।



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