Tomato

*टमाटर*



टमाटर खट्टा मीठा, रूचिवर्धक, अग्निदीपक व शक्तिवर्धक है। इसके सेवन से शरीर के उदररोग, अतिसार आदि रोगों का नाश होता है। इसमें लौहतत्त्व दूध की अपेक्षा दोगुना अधिक है। सब्जियों व फलों की अपेक्षा इसमें लौहतत्त्व डेढ़ गुना अधिक होता है।

 टमाटर के नियमित सेवन से शरीर में बलवृद्धि होती है। रक्त शुद्ध होता है। सप्तधातुओं के लिए टमाटर अत्यंत उपादेय है, साथ ही यह पाचनतंत्र को सुचारू बनाये रखता है।

भोजन के पूर्व टमाटर का सेवन करने से भूख खुलकर लगती है व भोजन शीघ्र पचता है।

खून की कमी के रोगियों को इसका सेवन अवश्य करना चाहिए। यकृत, पित्त, बदहजमी से पीड़ित रोगियों के लिए भी यह लाभकारी है। मधुमेह के रोगियों के लिए टमाटर का सेवन हितकारी है।

 नेत्रविकार, रतौंधी, मसूढ़े कमजोर हो गये हों, मुँह में बार-बार छाले पड़ना आदि चर्म रोगों में लाभकारी है

टमाटर में ताँबा अधिक होता है। फलस्वरूप वह रक्त में लाल कणों की वृद्धि करता है। 

 मधुमेह के रोगियों के लिए टमाटर लाभदायक मधुमेह में टमाटर का रस पीने से  मूत्र में शर्करा की मात्रा धीरे-धीरे कम होकर मधुमेह दूर हो जायेगा।

रक्तविकार के कारण त्वचा पर लाल लाल चकते निकलना, मसूढ़ों में सूजन व खून का आना, इसमें टमाटर का रस दिन में तीन से चार बार पियें।

टमाटर का रस व  शक्कर, लौंग, काली मिर्च व इलायची का थोड़ा सा चूर्ण – इन सबको मिलाकर पीने से उल्टियाँ बंद हो जाती है।

टमाटर उत्तम वायुनाशक है। इसके रस में पुदीना व अदरक का रस मिलाकर चुटकी भर सैंधा नमक डालकर पीने से वायुविकार नष्ट होते हैं।

ध्यान रखें पथरी के रोगी को टमाटर नहीं खाना चाहिए।

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