Breathlessness

*सांस फूलना*


फेफड़ों से संबंधित प्रणाली को प्रभावित करने वाली स्थितियों के कारण  सांस की समस्या होती है।
 फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन होना सांस फूलने के आम कारण होते हैं।

सांस फूलना या सांस ठीक से न ले पाना एलर्जी, संक्रमण, सूजन, चोट  देते हैं। फेफड़ों से संबंधित प्रणाली को प्रभावित करने वाली स्थितियों के कारण भी सांस फूलती है।

 दिल की बीमारियों या खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने के कारण भी सांस फूलती है।

दमा होने पर स्वास नलिकाओं के अंदर की दीवार में सूजन हो जाती है। यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है और किसी भी संवेदनशील चीज के स्पर्श से यह तीखी प्रतिक्रिया करता है। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो उनमें संकुचन होता है और फेफड़े में हवा की कम मात्रा जाती है और सांस फूलने लगती है।

सांस फूलने की समस्या होने पर आहार में कार्बोहाइड्रेट चिकनाई एवं प्रोटीन जैसे एसिड बनाने वाले पदार्थ सीमित मात्रा में लें और ताज़े फल, हरी सब्जियां तथा अंकुरित चने जैसे क्षारीय खाद्य पदार्थों का भरपूर मात्रा में सेवन करें।

अस्थमा का अटैक आया है तो तुरंत गरम कॉफी पी सकते हैं। यह श्वांस नलिकाओं में रूकी हुई हवा को तुरंत ही खोल देगी। अगर कॉफी नहीं पी सकते तो कॉफी की महक सूंघने से भी लाभ होता है।

नीलगिरी का तेल
यदि सांस फूलने की समस्या है को घर में निलगिरी/ यूकेलिप्टस का तेल जरूर रखें। जब कभी सांस फूले तो यूकेलिप्टस का तेल सूंघ लें,तुरंत फायदा होगा और समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।

तुलसी सांस फूलने की समस्या में भी लाभदायक होती है। तुलसी का रस और शहद मिलाकर लें।

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