Jayphal
*जायफल*
जायफल केवल मसाला ही नहीं एक औषधि भी है। जायफल वात एवं कफ नाशक है।
आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है। आंतों में पहुंचकर वहां से गैस हटाता है। इससे कई बीमारियों में लाभ मिलता है तथा सौन्दर्य सम्बन्धी कई समस्याओं से भी राहत मिलती है।
सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस् , सर्दी
-खांसी की समस्या समाप्त होने लगती है।
पेट में दर्द होने पर 4-5 बूंद जायफल का तेल पताशे में साथ लेने से आराम मिलता है।
सर में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो जायफल को पानी में घिस कर ललाट पर लगाएं।
सर्दी के मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जायफल का थोड़ा-सा कतरन को मुंह में रखकर चूसते रहिये। यह काम आप पूरे जाड़े भर एक या दो दिन के अंतराल पर करते रहिए। यह शरीर की स्वाभाविक गरमी बनाए रखता है, इसलिए ठंड के मौसम में इसे जरूर प्रयोग करना चाहिए। यह आप की भूख बढ़ाकर भोजन में रूचि पैदा करेगा
दस्ते लग रहे हो और पेट दर्द कर रहा हो तो सिके हुए जायफल का चोथाई हिस्सा सुबह-शाम चूसीये शिध्र आराम मिलेगा
लकवा होने पर जिन अंगों पर लकवा हो उन अंगों पर जायफल को पानी में घिसकर रोज लेप करना चाहिए, दो माह तक ऐसा करने से अंगों में जान जाती है देखी गयी है।
कमर दर्द नहीं ख़त्म हो रहा है तो जायफल पानी में घिसकर कमर पे सुबह शाम लगाएं, एक सप्ताह में ही दर्द गायब हो जाएगा।
फटी एडियों के लिए इसे महीन पीसकर बीवाइयों में भर दीजिये।
जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से ह्रदय मज़बूत होता है। पेट भी ठीक रहता है। और ये शक्ति वर्धक भी है
कान के पीछे कुछ ऎसी गांठ बन गयी हो जो दर्द करती हो तो जायफल को घिस कर वहां लेप कीजिए जब तक गाठ ख़त्म न हो जाए, करते रहिये।
जी मिचलाता हो बार बार प्यास लगती हो तो भी जायफल को थोड़ा सा घिस कर पानी में मिला कर पीने से आराम हो जाता है।
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