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लू

इस बार शुरुआत में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैंहैकई हिस्सों का पारा 45+ डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हैऐसे में लू से बचाव पर ध्यान देना चाहिएवरना लू लगने से बीमार भी पड़ सकते हैंऐसे में आइए जानते हैं लू से बचने के कारगर टिप्स...

लू लगने के कारण:


ये गर्म हवाएं जब आपके शरीर के संपर्क में आती हैं तो शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं और इस वजह से कई समस्याएं होने लगती हैं। ज्यादा देर तक धूप में काम करना और शरीर में पानी की कमी होना लू लगने के प्रमुख कारण हैं। बच्चे और बूढ़े लोग लू की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। अधिकांश मामलों में लोगों को यह जल्दी पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गयी है। हालांकि इसका सटीक अंदाज़ा लू के लक्षणों को देखकर लगाया जा सकता है। इसलिए हर किसी को लू के लक्षणों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।





लू लगने के लक्षण

लू लगने पर सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। शुरुआत में इन लक्षणों की तीव्रता काफी कम होती है लेकिन समय के साथ साथ ये बढ़ते जाते हैं। लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है और शरीर में गर्मी बढ़ती जाती है। शरीर में गर्मी बढ़ने के बावजूद भी लू लगने के दौरान शरीर से पसीना नहीं निकलता है।लू लगने पर उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द होना आम बात है। उल्टी होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले या शारीरिक रुप से कमजोर लोग लू लगने से बेहोश भी हो जाते हैं।






जानते हैं लू से बचने के टिप्स..

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1 खुद को हाइड्रेटेड रखें

गर्मी के दौरान लू चलने से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में समय-समय पर पानी पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे. इस मौसम में कम से कम 8-10 ग्लास पानी हर दिन पीने की कोशिश करें. फल और सब्जियां अपनी डाइट में भरपूर शामिल करें.

2. बाहर जाना अवॉयड करें

हीट वेव से बचना है तो बिना जरूरी घर बाहर जाना अवॉयड करें. घर के अंदर फैन, कूलर, एसी में रहें. अगर ये चीजें घर में नहीं हैं तो पर्दे या शेड्स लगाकर रहें. इससे आप लू के गंभीर खतरों से बच सकते हैं.

3. सूरज की किरणों से बचने की कोशिश करें

जब भी लू चले तो सीधे तौर पर सूर्य की रोशनी में न आएं. अगर किसी वजह से बाहर जा भी रहे हैं तो टोपी, गमछा, चश्मा का इस्तेमाल करना न भूलें. लाइट कलर के ढीले कपड़े ही पहनें, जिससे स्किन प्रोटेक्ट हो सके और हीट वेव ऑब्जर्व न हो.

4. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी से बचें

गर्मी और लू के दौरान ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से बचने की कोशिश करें. क्योंकि गर्मी के मौसम में ज्यादा वर्कआउट करने से बॉडी का टेंपरेचर बढ़ सकता है. इससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.



5. खाली पेट बाहर जाने से बचें

अगर बाहर लू तेज चल रही है तो कभी भी गलती से भी खाली पेट घर से न निकलें. ऐसा करने पर गर्मी और धूप से चक्कर आ सकता है. इसलिए जब भी घर से बाहर जाएं तो कुछ खाने के बाद ही जाएं. ताकि समस्याओं से बच जाएं.

6 सेब का सिरका : लू लगने पर शरीर में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है खासतौर पर पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे ज़रुरी मिनरल की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में सेवन करने से ये खोए हुए मिनरल वापस मिल जाते हैं और शरीर में इनका संतुलन बना रहता है।खुराक और सेवन का तरीका : दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें।

7  चंदनासव : यह चंदन और कई तरह की जड़ी बूटियों से निर्मित एक आयुर्वेदिक पेय औषधि (आसव) है। आयुर्वेद के अनुसार चंदनासव में शीतल गुण होता है। ठंडी तासीर होने के कारण जब शरीर में गर्मी या जलन काफी बढ़ जाती है तो इसका इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद रहता है। लू लगने पर इसका सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच चंदनासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

8 बेल का शरबत : गर्मियों में बेल का शरबत अमृत के समान होता है। बेल में विटामिन सी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू से बचाव होता है। बेल का शरबत पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है।खुराक और सेवन का तरीका : रोजाना दिन में दो-तीन बार इस जूस का सेवन खाना खाने से पहले करें।

9 गिलोय का जूस : गिलोय में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात, पित्त और कफ शामक माना जाता है। यह लू में होने वाले तेज बुखार को जल्दी ठीक करती है और शरीर के तापमान को और बढ़ने से रोकती है।

10  खस एक आयुर्वेदिक पेय औषधि है। यह पित्तशामक है और लू लगने पर यह शरीर में होने वाली गर्मी और जलन को शांत करने में मदद करती है. इसके अलावा पित्त संबंधी सभी रोगों में आप खस  का इस्तेमाल कर सकते हैं।खुराक और सेवन का तरीका : तीन से चार चम्मच खस  और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।


बेशक इन उपायों को अपनाकर आप आराम पा सकते हैं लेकिन बेहतर यही होगा कि गर्मियों के मौसम में आप लू से बचने के सभी तरीके अपनाएं। बेवजह बाहर धूप में ना निकलें और अगर बाहर निकलना ज़रुरी है तो धूप से बचाव के लिए छाते का प्रयोग ज़रुर करें।

  अगर घरेलू या आयुर्वेदिक उपायों से कोई आराम नहीं मिल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाएं।




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